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Google ने आज भारतीय बायोमेडिकल रिसर्चर डॉ कमल रणदिवे को समर्पित किया अपना Doodle

Google Doodle Today: रणदिवे को चिकित्सा के लिए 1982 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.

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<div class="paragraphs"><p>Google Doodle Dr Kamal Ranadive</p></div>
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Google Doodle Dr Kamal Ranadive

(फोटो-गूगल)

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Google Doodle Dr Kamal Ranadive: गूगल ने आज अपना डूडल भारतीय बायोमेडिकल रिसर्चर डॉ कमल रणदिवे को उनकी 104 वीं जयंती पर समर्पित किया है. रणदिवे को कैंसर और वायरस के बीच संबंधों के बारे में रिसर्च के लिए जाना जाता है. गूगल ने आज के अपने डूडल में डॉ. रणदिवे को माइक्रोस्कोप की ओर देखते हुए दिखाया गया है.

कमल रणदिवे का जन्म 1917 में पुणे में हुआ था. 1949 में उन्होंने भारतीय कैंसर अनुसंधान केंद्र (ICRC) में एक शोधकर्ता के रूप में काम करते हुए, कोशिका विज्ञान, कोशिकाओं के अध्ययन में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की. बाल्टीमोर, मैरीलैंड, यूएसए में जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय में फेलोशिप के बाद वह मुंबई और आईसीआरसी लौट आई जहां उन्होंने देश की पहली प्रयोगशाला की स्थापना की.

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कैंसर पर रिसर्च

ICRC के निदेशक और कैंसर के विकास के पशु मॉडलिंग में अग्रणी के रूप में रणदिवे भारत की पहली रिसर्चकर्ता थी जिन्होंने स्तन कैंसर और आनुवंशिकता के बीच एक लिंक का प्रस्ताव दिया और कैंसर व कुछ वायरस के बीच संबंधों की पहचान की.

रणदिवे ने माइकोबैक्टीरियम लेप्राई का अध्ययन किया, जो जीवाणु कुष्ठ रोग का कारण बनता है. 1973 में डॉ. रणदिवे और उनके 11 सहयोगियों ने वैज्ञानिक क्षेत्रों में महिलाओं का समर्थन करने के लिए भारतीय महिला वैज्ञानिक संघ (IWSA) की स्थापना की.

रणदिवे ने विदेशों में छात्रों और भारतीय विद्वानों को भारत लौटने और अपने ज्ञान को अपने समुदायों के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित किया. 1989 में सेवानिवृत्त होने के बाद, डॉ रणदिवे ने महाराष्ट्र में ग्रामीण समुदायों में काम किया, महिलाओं को स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के रूप में प्रशिक्षण दिया और स्वास्थ्य व पोषण शिक्षा प्रदान की.

रणदिवे को चिकित्सा के लिए 1982 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. 83 साल की उम्र में 11 अप्रैल 2001 में उनका निधन हो गया था.

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Published: 08 Nov 2021,08:50 AM IST

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