Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Lifestyle Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019International Men's Day: मर्दों की दुनिया में मर्द को बहुत दर्द होता है

International Men's Day: मर्दों की दुनिया में मर्द को बहुत दर्द होता है

International Men's Day: मर्द भी पितृसत्तात्मक सोच के शिकार होते हैं.

आकांक्षा सिंह
लाइफस्टाइल
Published:
<div class="paragraphs"><p>International Men's Day: मर्दों की दुनिया में मर्द को बहुत दर्द होता है</p></div>
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International Men's Day: मर्दों की दुनिया में मर्द को बहुत दर्द होता है

(फोटो: क्विंट)

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International Men's Day: 'लड़के रोते नहीं' से लेकर 'घर चलाना मर्द की जिम्मेदारी होती है...', समाज के ये 'अनकहे' नियम बताते हैं कि मर्द भी पितृसत्तात्मक सोच के शिकार होते हैं. पुरुषों को अपनी भावनाओं को खुलकर कहने नहीं दिया जाता, हाउस हसबैंड बनने पर उन्हें ताने दिए जाते हैं.

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हमारे समाज में पुरुषों को लेकर भी एक अजीब तरह की सोच बन गई है. अगर आंखों से आंसू छलक पड़े तो आपको कमजोर समझा जाता है. अगर आप अपना परिवार नहीं चला पा रहे हैं तो लोग नकारा कहने लगते हैं. अगर अपनी भावना खुलकर बता दी तो हंसी के पात्र बना दिए जाते हैं. ऐसे में इंटरनेशनल मेंस डे पर क्विंट के पत्रकार कह रहे हैं कि पितृसत्ता की इन जंजीरों को तोड़ दें.

क्यों मनाते हैं International Men's Day?

पुरुषों के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने और उनकी सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों को उजागर करने के लिए 19 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है.

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