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Bengal Kali Puja 2021: काली पूजा हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है जो देवी काली को समर्पित होता है. कार्तिक महीने की अमावस्या (Amawasya) की रात जब पूरे देश में दीपावली (Diwali) मनाई जाती है तो पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और असम में लोग दिवाली अमावस्या के दिन देवी काली की पूजा करते हैं.
इस साल काली पूजा 4 नवंबर के दिन पड़ रही है, इसी दिन दिवाली मनाई जा रही है. इस दिन को लेकर ऐसी मान्यता है कि इसी दिन देवी काली 64 हजार योगिनियों के साथ प्रकट हुई थीं.
इस साल काली मां की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 11.39 बजे से रात 12.31 बजे तक है. काली मां की पूजा की कुल अवधि 52 मिनट है.
अमावस्या तिथि 04 नवंबर को सुबह के 06.03 बजे से प्रारंभ होगी और 5 नवंबर को दिन के 2 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी.
ऐसी मान्यता है कि ॐ क्रीम कालिकायै नमः - काली मंत्र का जप करने से आपको अपने करियर, नौकरी, परीक्षा और जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद मिलती है.
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती.
तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी, दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी.
सौ-सौ सिहों से है बलशाली, अष्ट भुजाओं वाली, दुष्टों को तू ही ललकारती.
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती.
माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता, पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता.
सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली, दुखियों के दुखड़े निवारती.
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती.
नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना, हम तो मांगें तेरे चरणों में छोटा सा कोना.
सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली, सतियों के सत को संवारती.
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती.
चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली, वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली.
मैया भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली, भक्तों के कारज तू ही सारती.
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती, हम सब उतारे तेरी आरती.
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