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Lohri 2024: लोहड़ी का त्योहार कब मनाया जाएगा, शुभ मुहूर्त, महत्व व कथा

Lohri 2024: मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में में इसे मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर नई फसल के उत्सव के रूप में मनाया जाता है, लोहड़ी को लाल लोई के नाम से भी जाना जाता है.

अंशुल जैन
लाइफस्टाइल
Published:
<div class="paragraphs"><p>Lohri 2024</p></div>
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Lohri 2024

(फोटो- Greetings.com)

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Happy Lohri 2024: लोहड़ी भारत का एक लोकप्रिय त्यौहार है, यह त्यौहार मुख्य रूप से सिख धर्म के पंजाबी लोगों द्वारा मनाया जाता है, हालांकि हिन्दु धर्म के लोग भी उतने ही हर्षोल्लाष के साथ मनाते हैं. मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में में इसे मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर नई फसल के उत्सव के रूप में मनाया जाता है, लोहड़ी को लाल लोई के नाम से भी जाना जाता है. जो कि इस साल 14 जनवरी 2024 को मनाया जा रहा है.

Lohri Muhurat 2024: लोहड़ी मुहूर्त व तिथि

  • लोहड़ी का त्योहार रविवार, 14 जनवरी, 2024 को मनाया जाएगा.

  • लोहड़ी संक्रान्ति का क्षण - 02:54 AM, 15 जनवरी

  • मकर संक्रान्ति सोमवार, 15 जनवरी, 2024 को मनाया जाएगा.

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When lohri in 2024: पंजाब के क्यों खास यह त्योहार

इस त्योहार की खास रौनक पंजाब में 14 जनवरी 2024 को देखने मिलती है, जहां लोग लोहड़ी की रात खुली जगह पर आग जलाते है और लोग लोकगीत गाते हुए नए धान के लावे के साथ खील, मक्का, गुड़, रेवड़ी, मूंगफली आदि उस आग को अर्पित करते हुए एक दूसरे को लोहड़ी की बधाई (Lohri Di Lakh Lakh Vadhaiyaan) देते हैं.

इतना ही नहीं इस दिन अग्नि के आसपास घेरा बनाकर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनाते है. इस कहानी को लेकर कहा जाता है कि दुल्ला भट्टी की कहानी के बिना लोहड़ी अधूरी है. हिंदु शास्त्रों के अनुसार, अग्नि में अर्पित की गई सामग्री देवताओं तक पहुंचती है.

लोहड़ी मनाने के पीछे की कथा

लोहड़ी का त्योहार दुल्ला भट्टी से जोड़कर मनाया जाता है. इस दिन दुल्ली भट्टी की कहानी सुनने का विशेष महत्व है. मान्यता है कि मुगल काल के समय दुल्ला भट्टी नाम के एक शख्स ने पंजाब की लड़कियों की रक्षा की थी. उस समय अमीर सौदागरों द्वारा लड़कियों को सामान की तरह बेचा जाता था, तब दुल्ला भट्टी ने लड़कियों को बचाया था और उनकी शादी करवाई थी, इसलिए तब से ही दुल्ला भट्टी को इस दिन याद किया जाता है.

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