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पीरियड्स (Menstruation) में भारी ब्लड फ्लो एक आम समस्या है, जो सभी उम्र की लड़कियों और महिलाओं को प्रभावित करती है. इससे बहुत कमजोरी, बेचैनी, असुविधा और अक्सर अपने दैनिक कार्य करने में असमर्थता होती है.
सामान्य अवधि प्रवाह लगभग 3 से 5 दिनों का होना चाहिए, जिसमें प्रति दिन लगभग 3 पैड बदले जाने चाहिए. पीरियड्स आमतौर पर हर 25 से 35 दिनों में होना चाहिए.
भारी पीरियड्स के सामान्य कारण- हार्मोनल असंतुलन, रक्तस्राव विकार, फाइब्रॉएड, एडिनोमायोसिस या एंडोमेट्रियोसिस, गर्भाशय पॉलीप्स, भ्रूण के अस्तर का मोटा होना या अतिवृद्धि (एंडोमेट्रियल हाइपरप्लासिया), यहां तक कि कुछ केस में कैंसर भी हो सकता हैं.
सबसे पहले अधिक ब्लड फ्लो के कारण का निदान जरूरी है, और ये पैल्विक सोनोग्राफी और हीमोग्लोबिन सहित कुछ ब्लड टेस्ट द्वारा किया जा सकता है, जिससें भारी फ्लो एनीमिया का कारण तो नहीं बन रहा, ये पता चले. साथ ही पीसीओएस (Polycystic ovary syndrome) के लिए हार्मोन टेस्ट, कैंसर स्क्रीनिंग टेस्ट जैसे पीएपी स्मीयर आदि भी किए जा सकते हैं. इनमें से ज्यादातर टेस्ट आसान हैं और बहुत महंगे नहीं हैं. कभी-कभी, विशेष रूप से वृद्ध महिलाओं में, कैंसर से बचने के लिए गर्भाशय (एंडोमेट्रियम) या गर्भाशय के अस्तर की बायोप्सी करना आवश्यक होता है.
अगर कोई महिला गर्भावस्था की योजना नहीं बनाना चाहती है, तो सबसे अच्छा उपचार एक हार्मोन अंतर्गर्भाशयी उपकरण है, जिसे केवल पांच मिनट में गर्भाशय के अंदर रखा जा सकता है, जो फिर धीरे-धीरे स्थानीय स्तर पर हार्मोन जारी करता है, पीरियड्स के फ्लो को कम करता है और भारी मासिक धर्म से राहत देता है. पांच साल कुछ मामलों में पीरियड्स को अस्थायी रूप से रोकने के लिए महीने में एक बार इंजेक्शन दिए जा सकते हैं.
नरम अंगूर वाले पॉलीप्स, जो गर्भाशय के अंदर उगते हैं, या गर्भाशय के अंदर सबम्यूकोस फाइब्रॉएड के गांठ, बड़े पैमाने पर ब्लड फ्लो का कारण बनते हैं, और कैमरा (हिस्टेरोस्कोप) प्राकृतिक तरीके से गर्भाशय में प्रवेश करता है, बिना किसी कटौती या टांके के आसानी से हटाया जा सकता है, जिससे मरीज जल्दी ठीक हो जाता है और इस प्रक्रिया के बाद उसी दिन घर भी जा सकता है.
फाइब्रॉएड या साधारण ट्यूमर को लैप्रोस्कोपिक सर्जरी द्वारा हटाया जा सकता है, जैसे कि डिम्बग्रंथि के सिस्ट जैसे एंडोमेट्रियोसिक सिस्ट (अंडाशय में चॉकलेट सिस्ट, जहां अंडाशय में रक्त जमा होता है). वृद्ध महिलाओं में अगर जरूरी हो तो की होल सर्जरी द्वारा भी ट्यूमर को हटाया जा सकता है. मरीज न्यूनतम असुविधा के साथ तेजी से ठीक हो जाता है.
एमआरआई का उपयोग करने वाले गैर-सर्जिकल उपचार भी उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग बिना किसी कट या टांके के फाइब्रॉएड इलाज के लिए किया जा सकता है.
अगर आपको पीरियड्स में मुश्किलें हो रही हैं, तो ये महत्वपूर्ण है कि अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलने में देरी न करें. आपकी समस्या से छुटकारा पाने के लिए सरल उपचार उपलब्ध हो सकते हैं और बड़े पैमाने पर ब्लड फ्लो से असहज होने से बच सकते है.
(डॉ रिशमा ढिल्लौं पै मुंबई के लीलावती, जसलोक और हिंदुजा हेल्थकेयर अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ सलाहकार हैं.)
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