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महात्मा गांधी और भगत सिंह के अलावा नेताजी सुभाष चंद्र बोस भी देश की आजादी के लिए आखिरी सांस तक लड़ते रहे. नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में हुआ था. नेताजी ने आजाद हिंद फौज को मजबूती दी और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए इस फौज की खासी अहमियत है. इस साल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 124 वीं जयंती मनाई जा रही है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने कुछ नारों को भी प्रचलित किया था. उनके नारों में सर्वाधिक प्रचलित नारा है - तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा. जय हिन्द का नारा भी उन्होंने ही दिया था.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस साल 1919 में ब्रिटेन गए और आईपीएस परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त किया. विदेशी सरकार के साथ काम नहीं करने की इच्छा के चलते उन्होंने साल 1921 में इस्तीफा देकर अपने देश लौट आए. बोस की जयंती के मौके पर पढ़िए कुछ ऐसे संदेश, जिन्हें आप सोशल मीडिया पर शेयर करने के अलावा अपने दोस्तों, परिवारजनों और रिश्तेदारों को भी इस खास की बधाई दे सकते हैं.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पिता का नाम जानकीनाथ बोस था, वह पेशे से वकील थे. उनकी माता का नाम प्रभावती था. 18 अगस्त 1945 को टोकियो जाते वक्त ताईवान में उनका प्लेन क्रैश हो गया. कहा जाता है उनका अंतिम संस्कार जापान में कर दिया गया. उनकी अस्थियां रोकोनजी टेंपल में रखी गईं. हालांकि उनकी मौत पर लगातार सवाल उठाए जाते रहे.
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