Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Lifestyle Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Pop culture  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019भारत में डेटिंग एप्स हैं हिट, युवा अब ऐप पर डेट फिक्स कर रहे हैं

भारत में डेटिंग एप्स हैं हिट, युवा अब ऐप पर डेट फिक्स कर रहे हैं

भारत में सामाजिक पाबंदियों के बाबजूद युवाओं में फेमस हो रही हैं डेटिंग ऐप्स, पढ़िए पूरी रिपोर्ट.

एपी
पॉप कल्चर
Updated:
 ‘ट्रूली मैडली’ द्वारा आयोजित पार्टी में सेल्फी लेती युवतियाँ (फोटो : एपी)
i
‘ट्रूली मैडली’ द्वारा आयोजित पार्टी में सेल्फी लेती युवतियाँ (फोटो : एपी)
null

advertisement

अदिति मल्होत्रा के स्मार्टफोन पर नोटिफिकेशन आता है. ’congratulation! You have a new match.’ लेकिन वहां मौजूद अपने पेरेंट्स के डर से वो अपना फोन छुपा रही है. उसे डर है कि कहीं घर वालों को पता लग गया कि उसने डेटिंग ऐप इंस्टॉल कर रखा है तो उसे बहुत डांट पड़ेगी.

20 साल की अदिति जर्नलिज्म की स्टूडेंट हैं. नए ज़माने की नयी सोच वाली एक लड़की जो दिल्ली जैसी मेट्रो सिटी में पली बढ़ी है.

अदिति जैसे ही हज़ारों लड़के-लड़कियां डेटिंग साइट्स का रुख कर रहे हैं. इन डेटिंग साइट्स के ऐप्स के जरिये अनजान लोगों से फ्रेंडशिप कर रहे हैं. हिंदुस्तान जैसे रूढ़िवादी देश के लिए जहां अभी भी अरेंज मैरिज को सही और लव मैरिज को गलत माना जाता हो.

यही नहीं एक रिश्ते के लिए जाति और धर्म ही सबसे ज्यादा मैटर करता हो, वहां की नई पीढ़ी अब इन बातों से आगे निकल चुकी है.

इंडिया में भी डेटिंग साइट्स और मोबाइल ऐप मार्केट में बम्पर बूम देखने को मिला है. पिछले कुछ सालों में भारत की ही दर्जन भर से ज्यादा डेटिंग कम्पनियों ने अपना मोबाइल ऐप लांच किया है. 10 लाख से भी ज्यादा यूथ अब तक इस पर लॉग-इन भी कर चुके हैं.

क्यों चौंका रही है इन ऐप्स की सक्सेस

भारत में एक अंजान लड़का या लड़की आपस में बात करने में कतराते हैं. ऐसा करना भारत में अच्छी नज़र से नहीं देखा जाता. ऐसे में डेटिंग एेप्स की सक्सेस अलग कहानी बयां कर रही है.

यूथ बेधड़क इन ऐप्स के जरिए अनजान लोगों से दोस्ती करते हैं. इन ऐप्स का फायदा वे चैटिंग से लेकर डेटिंग तक करने में उठा रहे हैं.

ऐप डेवलपर्स भारत के उस विशाल क्षमता वाले बाजार पर कब्जा कर रहे हैं जिसमें 1.2 अरब आबादी का आधे से ज्यादा हिस्सा 25 वर्ष से कम के युवाओं का है, और जहां स्मार्टफोन की बिक्री इस साल 67 प्रतिशत तक बढने जा रही है.

भारतीय कंपनियाँ भी लॉस एंजिलिस से आयातित टिंडर जैसी कंपनियाें के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए अनूठे नामों वाली देसी डेटिंग ऐप्स बाजार में ला रही हैं. इनमें से कुछ नाम हैं वू, ट्रूली मैडली, थ्रिल, देसीक्रश और हिकअप.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

सुरक्षा की चिंता

डेवलपर्स कहते हैं सफलता के लिये अतिरिक्त सुरक्षा की चिंता करने की आवश्यकता भी होती है,

हाल के वर्षों में भारत में सामूहिक बलात्कार और महिलाओं के खिलाफ हिंसा आदि के हाई-प्रोफाइल मामले अखबार की सुर्खियों में रहे हैं और महिलाओं की सुरक्षा पर सख्त कानून बने हैं.

एक डेवलपर कहते हैं, “हम मानते हैं कि सत्यापन, सुरक्षा और गोपनीयता महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं,” .

“यही महिलाओं को ऐप पर लाता है. वे ऐसी ऐप इस्तेमाल करना चाहती हैं जहाँ यह सुनिश्चित हो सके कि उन्हें शादीशुदा या पीछा करने वाले पुरुष नहीं मिलेंगे.”

महिलाओं को आश्वस्त करने के लिए कि उनकी कंपनी महिलाओं के हित का ध्यान रखती है, उन्होंने महिलाओं के लिये विशेष सुविधाएँ शामिल की हैं। “यहां तक कि एक छोटी सी घटना हमारे एेेप पर बुरा प्रभाव डालेगी”

इनका मानना है कि दिल्ली में दिसंबर 2014 में एेप-आधारित टैक्सी कंपनी के विवाद के बाद वो सावधान हुए हैं और महिलाओं के लिए खास फीचर भी लॉन्च किए हैं.

महिलाओं के लिए खास फीचर, कड़ी सुरक्षा के बावजूद अभी तक TrulyMadly के मुताबिक इस एेप्लिकेशन के 65 फीसदी यूजर पुरुष ही हैं.

‘ट्रूली मैडली’ की पार्टी में अपना फोन चेक करती युवती (फोटो : एपी)

रोमांच

कुछ भारतीय युवा महिलाओं का मानना है कि डेटिंग एप्लिकेशन्स के जरिए पुरुषों से चैट करके वो रोमांचित महसूस करती हैं. गर्ल्स कॉलेज में पढ़ने वाली 19 साल की आनंदिता का मानना है कि इन एेप्लिकेशन्स को खुद के हिसाब से चलाया जा सकता है.

मैं जब भी लॉगिन करती हूं तो मुझे 10 अलग-अलग लड़कों से तारीफ मिलती है. खुद की तारीफ सुनकर मुझे खुद के बारे में बेहद अच्छा महसूस होता है.

भारतीय लड़कियां भले ही डेटिंग एेप्लिकेशन्स यूज कर रही हों लेकिन उनका मानना है कि वो इस परंपरा को छोड़ना नहीं चाहतीं कि उनके माता-पिता उनके जीवनसाथी का चुनाव करें.

आनंदिता सीधे कहती हैं कि, ‘’मुझे खुद की पसंद पर भरोसा नहीं है. मैं अरेंज मैरिज ही करना चाहती हूं. मैंने इस बारे में अपनी मां को बता दिया है कि वो मेरे लिए लड़का ढूंढना शुरु कर दें.’’

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 25 Oct 2015,10:17 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT