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Raksha Bandhan Essay in Hindi: राखी निबंध लिखने के टिप्स व फॉर्मेट

Raksha Bandhan Essay: इस त्योहार को हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है.

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<div class="paragraphs"><p>Happy Raksha Bandhan&nbsp;&nbsp;</p></div>
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Happy Raksha Bandhan  

(फोटो: istock)

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Raksha Bandhan Essay in Hindi: रक्षा बंधन का त्योहार हर साल श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, जो कि इस साल 11 अगस्त 2022 के दिन पड़ रही हैं. रक्षा बंधन के त्योहार को भाई बहन के प्यार का प्रतिक माना जाता है, जिसे राखी का त्योहार भी कहा जाता है. इस दिन बहन अनपे भाई की कलाई पर राखी बंधती और उसके सुखी जीवन की प्रार्थना करती है. स्कूलों में भी बच्चों को रक्षा बंधन पर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है. ऐसे में अगर आपके बच्चों को राखी पर निबंध लिखने को स्कूल से मिला हैं तो आप ऐसे लिख सकते हैं.

Raksha Bandhan पर निबंध ऐसे शुरू करें

प्रस्तावना

रक्षा बंधन का त्योहार हिंदुओं में विशेष महत्व रखता है. इस त्योहार को हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है. इस दिन बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर प्रेम को दर्शाती है और जीवन भर अपनी रक्षा के लिए भाई से कसम लेती है.

महत्व

भाई-बहन का रिश्ता केवल राखी की डोर तक ही सीमित नहीं है, और न ही इस रिश्तें को परिभाषित कर पाना आसान हैं. भले भाई अपनी बहनों से लड़ते हों लेकिन एक वक्त ऐसा आता है जब बहने अपने घर विदा होती हैं तो भाई की आंख में सबसे पहले आंसू आते हैं.

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रक्षाबंधन को लेकर क्या है पौराणिक कथा

हिंदू धर्मग्रंथों में रक्षाबंधन के त्योहार का जिक्र है. वामनावतार नामक पौराणिक कथा में रक्षाबंधन के पर्व का जिक्र मिलता है. दरअसल राजा बलि ने यज्ञ संपन्न कर स्वर्ग पर अधिकार का प्रयत्न किया था. इस दौरान देवराज इंद्र ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की. विष्णु जी वामन ब्राह्मण बनकर राजा बलि से भिक्षा मांगने पहुंचे थे. गुरु के मना करने पर भी बलि ने तीन पग भूमि दान कर दी.

वामन रूप में पहुंचे भगवान विष्णु ने तीन कदमों में ही आकाश, पाताल और धरती को नाप दिया और राजा बलि को रसातल में भेज दिया. इस दौरान राजा बलि ने अपनी भक्ति के दम पर विष्णु जी से हर समय अपने सामने रहने का वचन ले लिया. इससे लक्ष्मी जी को चिंता सताने लगी.

तब वो महर्षि नारद मुनी की सलाह पर राजा बलि के पास गईं और रक्षासूत्र बांधकर राजा बलि को अपना भाई बना लिया. बदले में लक्ष्मी मां अपने साथ भगवान विष्णु को अपना साथ ले आईं. जिस दिन मां लक्ष्मी ने राजा बलि को रक्षासूत्र बांधा उस दिन श्रावस मास की पूर्णिमा तिथि थी.

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