Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Lifestyle Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019रोमियो रो रहा है! शेक्सपियर के नोवेल से यूपी पुलिस के ‘ड्रामा’ तक

रोमियो रो रहा है! शेक्सपियर के नोवेल से यूपी पुलिस के ‘ड्रामा’ तक

नाटक में रोमियो बलिदान और त्याग का प्रतीक था, न कि छेड़खानी और फब्तियां कसने वाला शख्स.

अभय कुमार सिंह
लाइफस्टाइल
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फोटो: IANS/Altered by <b>The Quint</b>
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फोटो: IANS/Altered by The Quint
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देश में प्यार करने वाला कोई कपल अब एक-दूसरे को रोमियो-जूलियट नहीं कहता. खासकर प्रेमिका अपने प्रेमी को रोमियो तो बिल्कुल नहीं कहती है. आखिर कहे भी कैसे? बेइंतहा मोहब्बत को बयां करने वाला यह किरदार अब बदनाम हो चला है.

महान नाटककार विलियम शेक्सपियर ने रोमियो-जूलियट की रचना की थी. एक ऐसी कहानी, जो मोहब्बत, त्याग और बलिदान से भरी थी. आज ऐसा क्या हो गया, जो रोमियो को बदनाम होना पड़ रहा है?

आखिर क्या थी रोमियो-जूलियट की कहानी?

विलियम शेक्सपियर के मशहूर नाटक रोमियो-जूलियट में इटली के वेरोना शहर की कहानी थी. प्यार की इस दास्तां में रोमियो नाम का शख्स अपने परिवार के ही दुश्मन की बेटी जूलियट को दिल दे देता है. जूलियट भी रोमियो को टूटकर प्यार करती थी. दोनों परिवारवालों से छिपकर एक-दूसरे से शादी कर लेते हैं.

आखिर में परिवार से बचने के लिए जूलियट मरे होने का नाटक करती है. इसका इल्म रोमियो को नहीं होता. रोमियो को लगता है कि उसकी जूलियट मर चुकी है. गम में आकर रोमियो खुदकुशी कर लेता है. जब जूलियट को होश आता है, तो वो रोमियो को मरा देख उसके खंजर से खुद को खत्म कर लेती है.
फोटो: iStock

नाटक में रोमियो बलिदान और त्याग का प्रतीक था न कि छेड़खानी और फब्तियां कसने वाला शख्स.

रोमियो क्यों रो रहा है?

अब शेक्सपियर का रोमियो रो रहा है. शेक्सपियर ने रोमियो का किरदार गढ़ते हुए कभी नहीं सोचा होगा कि इटली से करीब 6.5 हजार किलोमीटर दूर भारत में 'रोमियो' बदनाम हो जाएगा. रोमियो एक नाम है, जो एक सच्चे आशिक के प्यार और कुर्बानी के लिए याद किया जाता रहा है. लेकिन अब ऐसा नहीं है, कम से कम यूपी में तो बिल्कुल नहीं.

सड़क पर, राह चलते, स्कूल-कॉलेज के बाहर लड़कियों और महिलाओं पर फब्तियां कसने वाला, छेड़खानी करने वाला हर शख्स रोमियो हो गया है. शेक्सपियर का रोमियो तो ऐसा न था.
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आखिर इनकी आंखों में कौन-सी मशीन है?

‘रोमियो’ की तलाश करने वाली यूपी पुलिस का एंटी रोमियो दल यह दावा करता है कि वो महज देखकर ही पहचान जाते हैं कि कौन ‘शरीफ ’ घर से है. आखिर कौन-सी मशीन आंखों में लगाकर ऐसे अनुमान करने का दावा किया जा रहा है?

सच्चे आशिक भी इसी मशीन का शिकार हो रहे हैं. कपल्स को ‘रोमियो’ समझकर ‘सजा’ देने की खबरें सुर्खियों में हैं. यानी अगर आप शेक्सपियर वाले रोमियो हैं, तो भी आपके प्यार पर बंदिशें हैं. कभी भी आप उस दल का शिकार बन सकते हैं. ऐसा में उस शख्स पर क्या बीतती होगी, जिसे अपने करीबियों और दूसरों के सामने शर्मिंदा किया जाता है.

सावधान! आप कभी भी ‘रोमियो’ बन सकते हैं

लड़के अपने प्यार, दोस्त या बहन तक को बाहर ले जाते वक्त अब यह सोचते हैं कि कहीं वह रोमियो न करार दे दिया जाए. शेक्सपियर वाले रोमियो से उसे कोई दिक्कत नहीं है. उसे दिक्कत है यूपी पुलिस की उपाधि ‘रोमियो’, से जो कहीं भी मिल सकती है.

साथ ही ये भी है कि रोमियो-जूलियट, हीर-रांझा, सोहिनी-महिवाल हर काल, समय और जगह पैदा होते रहे हैं. आज भी हैं और कल भी रहेंगे. लेकिन महज कुछ मनचलों की वजह से इन अमर नामों को बदनाम करना कहां तक सही है, समझ नहीं आता है.

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