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यह समता के अधिकार के पैरोकार हरीश अय्यर का FIT पर सवाल-जवाब पर आधारित कॉलम है. अगर आपको सेक्स, सेक्स के तौर-तरीके या रिलेशनशिप से जुड़ी कोई परेशानी है, कोई उलझन है, जिसे आप हल नहीं कर पा रहे हैं, या आपको किसी तरह की सलाह की जरूरत है, किसी सवाल का जवाब चाहते हैं या फिर यूं ही ही चाहते हैं कि कोई आपकी बात सुन ले- तो हरीश अय्यर को लिखिए, और वह आपके लिए ‘सैक्सॉल्व’ करने की कोशिश करेंगे. आप sexolve@thequint.com पर मेल करें.
पेश हैं इस हफ्ते के सवाल-जवाब
प्रिय रेनबोमैन,
मैं अपनी पार्टनर द्वारा बताए गए अतीत के एक शर्मनाक अनुभव के कारण सेक्स के पहले और उसके दौरान बहुत चिंतितमहसूस करता हूं. मेरी शादी को 16 साल हो चुके हैं और हमारे दो बच्चे हैं. मेरी पार्टनर का कहना है कि इन 16 वर्षों केदौरान उसे शायद ही कभी ऑर्गेज्म (चरम संतुष्टि) मिला. मुझे सेक्स के दौरान इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या है औरअपने शर्मनाक अनुभव के कारण इजेकुलेट करने में असमर्थ हूं. कृपया मदद करे.
चिंतित पति
प्रिय चिंतित पति,
मेरे साथ अपने जीवन के इस तरह के एक अंतरंग हिस्से को साझा करने के लिए शुक्रिया. मुझे यकीन है कि ई-मेल के ‘सेंड’ को क्लिक करने से पहले अापने थोड़ा साहस पैदा किया होगा और मुझ पर बहुत सारा यकीन किया होगा.
आपके मेल में मुझे समझ में नहीं आया कि, “अतीत के शर्मनाक अनुभव” का क्या मतलब है. मुझे यकीन है कि आपके वर्तमान में, अतीत की कोई भूमिका नहीं है. मैं सुझाव दूंगा किआप यहां अतीत और वर्तमान का घालमेल ना करें. हम तभी खुशहाल जीवन जी सकते हैं, अगर हम अतीत से सीखें, और वर्तमान में जिएं.
कई वजहों से आपका इरेक्टाइल नहीं हो सकता है, जिसमें मूड स्विंग्स से लेकर उत्साह खत्म हो जाना या कोई दर्दनाक अनुभव कोई भी वजह हो सकती है. इस पर अपने अपने डॉक्टर और मनोवैज्ञानिक को फैसला करने दें. अगर जरूरी हो तो अपनी पार्टनर से भी साथ चलने के लिए कहें.
अपनी देखभाल अच्छे तरीके से करें.
मुस्कुराइए,
अंतिम बातः चिंता मत कीजिए, खुश रहिए.
प्रिय रेनबोमैन,
मैं एक शानदार महिला के साथ रिलेशनशिप में हूं. हमारे बीच बहुत सारे झगड़े हैं, जिन पर हम बार-बार घूम-फिर कर लौटआते हैं. इनमें से एक है खर्चे साझा करना. हम जब भी बाहर जाते, बिल का पेमेंट मैं करता, जो कि ठीक था. हालांकि, बातचाहे कहीं जाने या कैब के किराए की हो, उसकी तरफ से खर्चे बांटने की अनिच्छा मुझे अच्छी नहीं लगती है.
मेरी परवरिश समता के विचार के साथ हुई है और मुझे यह भी पता है कि ‘पुरुष’ ही आमतौर पर अपनी डेट के लिए भुगतानकरता है, लेकिन लगातार पेमेंट करना मुझे मंजूर नहीं.
जब मैंने उसे यह समझाने की कोशिश की कि हमें खाने-पीने में अपने-अपने खर्चे बांट लेना चाहिए .और यदि वह इसे लेकरसहज नहीं है, तो वह जो भी सोचती है, उसे लेकर अपने तर्क रखना चाहिए; इसको लेकर हमारे बीच तगड़ी बहस हुई- बहुतगर्मागर्म बहस. उसने इस बात का जिक्र अपने परिवार से भी किया जो मेरे लिए काफी शर्मिंदगी की बात थी.
ऐसा नहीं है कि मैं पेमेंट नहीं कर सकता. लेकिन मुझे ‘फेमिनिज्म’ के इस दौर में यह खराब लगता है कि वह ‘कर्तव्यों’ पर ‘अधिकारों’ को प्राथमिकता देती है.
आपका इस पर कुछ रोशनी डालना मददगार हो सकता है.
सादर,
उलझन में एक दोस्त.
प्रिय उलझन में दोस्त,
मेरे साथ अपनी बात साझा करने के लिए शुक्रिया. और आप जो हैं, वही होने के लिए धन्यवाद.
मेरी भी परवरिश ऐसे माहौल में हुई है, जहां, ‘महिला के लिए दरवाजा खोलने , ‘जब कोई महिला कमरे में आती है तो उठ खड़े हो’, ‘महिला से उसकी उम्र, और पुरुष से उसकी आमदनी नहीं पूछते” जैसे मूल्य सिखाए गए. इन्हें ‘शिष्टाचार’ माना जाता था. और हकीकत में ये शिष्टाचार हैं भी. लेकिन वक्त बदल गया है, और मूल्यों को भी अपग्रेड किए जाने की जरूरत है. मुझे नहीं लगता कि अब महिला के लिए दरवाजा थामने में शिष्टता है. मुझे लगता है कि अब अपने आसपास के हर शख्स के लिए दरवाजा थामने में समझदारी है.
पुरुष के रूप में अपने विशेषाधिकारों की पड़ताल करना हमारे लिए महत्वपूर्ण है. हम जिस तरह अपनी महिला समकक्ष के साथ व्यवहार करते हैं, वह दोनों दोनों पार्टनर के अवसरऔर क्षमता के पैमाने से तय किया जाना चाहिए.
जितना मैं समझ पाया, मुझे लगता है कि आपकी पार्टनर शिक्षित है और शायद कामकाजी भी . असली सशक्तीकरण होता अगर वह खड़ी होती और कहती, “अरे मुझे बिल भरने दो.” हो सकता है कि वह 1950 और 60 के दशक की फिल्मों की तरह सोचती हो, जहां महिलाएं नाजुक मिज़ाज, दुलारी और राजकुमारियां थीं. उसे निश्चित रूप से हकीकत का सामना करने की जरूरत है.
हम कभी-कभी ‘राजकुमारी’ कंडिशनिंग की प्रक्रिया को उलटा करके देखने के बाद ही समानता सीखते हैं. शायद, आपकी पार्टनर को भी बहुत कुछ उलटा करके सीखना होगा.
उसे बताएं कि आप उसकी इज्जत करते हैं ताकि वह स्टीरियोटाइप से ऊपर उठ सके और उसे घर में बराबरी हासिल हो. अपने चेहरे पर रत्ती भर खीझ का भाव ना आने दें. बस उसे यह बहुत प्यार से समझाएं.
मुझे यकीन है कि उसमें समझने की सलाहियत है और वह आपके द्वारा कही गई बात को गहराई से समझ सकती है.
मुस्कुराइए,
रेनबोमैन.
अंतिम बातः आप एक अच्छे इंसान हैं. शुभकामनाएं!
प्रिय रेनबोमैन,
मुझे एक लड़की के रूप में ड्रेसिंग पसंद है. मैं 47 वर्षीय समलैंगिक पुरुष हूं. काफी समय से, मुझे लगता है कि मेरा सेक्सबदल रहा है. क्या मैं एक ट्रांसजेंडर हूं?
परेशान आत्मा
प्रिय परेशान आत्मा,
मेरे साथ अपनी बात साझा करने के लिए शुक्रिया. मैं यह दावा नहीं कर सकता कि मैं समझ रहा हूं कि आप किस तरह की उलझन से गुजर रहे हैं, फिर भी मैं आपसे कह सकता हूं किआप जो भी कर रहे हैं वह असामान्य नहीं है.
अगर आप पुरुष पैदा हुए हैं और एक महिला के रूप में कपड़े पहनना पसंद करते हैं, तो आपको क्रॉस-ड्रेसर कहा जाएगा. अगर आप पुरुष हैं और भीतर से महसूस करते हैं कि आप एक महिला हैं, तो आप एक ट्रांसजेंडर महिला हैं.
खुद को एक अच्छे डॉक्टर को दिखाएं जो उचित प्रक्रिया के माध्यम से आपकी मदद करेगा और यह निर्धारित करेगा कि आप परिवर्तन के लिए सही हैं या नहीं.
मोहब्बतें,
रेनबोमैन.
अंतिम बातः शुभकामनाएँ.
(लोगों की पहचान सुरक्षित रखने के लिए नाम और कुछ ब्योरे बदल कर दिए गए हैं. आप भी अपने सवाल sexolve@thequint.com पर भेज सकते हैं.)
(हरीश अय्यर एलजीबीटी कम्युनिटी, महिलाओं, बच्चों और जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले समान अधिकार एक्टिविस्ट हैं.)
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