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एयरपोर्ट पर ये डॉगी आपको लगाएंगे गले

इन कुत्तों के इस कैंपेन में शामिल होने से पहले सारे जरूरी मेडिकल चेकअप कराए जाते हैं.

अवंतिका भुयान
लाइफस्टाइल
Updated:
एनिमल एंजेल्स फांउडेशन  अद्भुत काम कर रहा है (फोटो: www.animalangels.org.in /द क्विंट)
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एनिमल एंजेल्स फांउडेशन अद्भुत काम कर रहा है (फोटो: www.animalangels.org.in /द क्विंट)
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लगभग एक हफ्ते पहले शांतनु धर मुंबई जीवीके छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 पर जाने वाली फ्लाइट का इंतजार कर रहे थे. 35 साल के शांतनु पुणे की आईटी कंपनी में काम करते हैं. फ्लाइट एक घंटे लेट होने के कारण उन्होंने टहलना शुरू कर दिया. वहां कुछ दूर जाकर उन्‍होंने कुछ कुत्तों को देखा.

इन सुनहरे रंग के कुत्तों के पास उनके चाहने वालो की भीड़ उन्हें घेरे खड़ी थी. धर ने उन कुत्तों के केयरटेकर से उनको खिलाने की परमिशन मांगी.

धर के कहा, “मैंने उन कुत्तों के साथ 15-20 मिनट बिताए. मैं थोड़ा और वक्त उनके साथ बिताना चाहता था, पर इतना टाइम नहीं था.”

ये कुत्ते अपराधियों को पकड़ने के लिए नहीं, बल्कि‍ लोगों को तनाव से राहत दिलाने के लिए हैं (फोटो: www.animalangels.org.in)

आम तौर पर लोग ये समझते हैं कि एयरपोर्ट पर कुत्तों का मतलब कोई भी आपराधिक गति‍विधि पर नजर रखने और सुरक्षाकर्मियों को इसकी सूचना देने के लिए होता है. पर यहा मामला कुछ और ही है ये कुत्ते आपका का स्ट्रैस बढ़ाएंगे नहीं, बल्कि‍ कम करेंगे.

ये एक पेट थेरेपी प्रोग्राम एयरपोर्ट और पुणे की एनिमल एंजेल्स फांउडेशन द्वारा शुरू किया गया है. ये तीन कुत्तों का जोड़ा- पेपे, सनशाइन और पर्ल, पैसेंजर्स थकान मिटाने का सबसे बड़ा जरिया बन गए हैं.

ये तीनों कुत्ते- पेपे , सनशाइन और पर्ल एयरपोर्ट पर पैसेंजर्स के साथ खूब खेलते हैं और यात्री इनके साथ खेलकर तनावमुक्त हो जाते हैं (फोटो: एनिमल एंजेल्स फांउडेशन/ www.animalangels.org.in)
हम एक और कुत्ता गोल्डी को भी शामिल करना चाहते थे, पर वो रिटायर हो चुका है.
आकाश लोनकर, एनिमल एन्जिल्स फाउंडेशन के फाउंडर

मीनल कवीश्‍वर ने लोनकर के साथ 2003 इस फाउंडेशन की नींव रखी थी.

ये टीम पिछले 10 साल से जानवरों के लिए स्पेशल स्कूल, वृद्धाश्रम और अस्पतालों के लिए काम कर रही है.

तनाव दूर करने में मददगार है फॉर्मूला

जानवरों की मदद से लोगों के सामाजिक और भावनात्मक कामकाज में सुधार करने के लिए दुनिया भर में तेजी से लोकप्रिय हो गए हैं लोनकर.

ऑटिस्टिक, कैंसर रोगियों और तनाव में रह रहे लोगों पर ये स्ट्रेस रिलीविंग फॉर्मूला काम कर रहा है. अधिकारियों ने पिछले साल एयरपोर्ट पर ये प्रोग्राम स्टार्ट करने के लिए इस फांउडेशन से संपर्क किया था.

कुत्तों के साथ खेलते पैसेंजर्स (फोटो: एनिमल एंजेल्स फांउडेशन/ www.animalangels.org.in)
तीन-चार महिने के बच्‍चे, व्हीलचेयर पर बैठे कुछ लोग, पायलट और एयरलाइंंस स्टाफ- सभी इन कुत्तों के साथ खेलते और इनके साथ घंटों समय बिताते हैं और इन्हें गले लगाकर अपने सारे स्ट्रेस भूल जाते हैं
आकाश लोनकर
हर दो कुत्तों के लिए केयरटेकर होते हैं. लोग इन्हें गले लगाने के लिए बेताब रहते हैं (फोटो:एनिमल एंजेल्स फांउडेशन/ www.animalangels.org.in)

भावनात्‍मक तौर पर राहत

लोनकर ने एक घटना बताई कि पिछले हफ्ते एक पैसेंजर की बेंगलुरु की फ्लाइटआठ घंटे लेट थी.

वह बेहद ही निराश और परेशान था. जब उसने कुत्तों को देखा, तो उनके साथ एक घंटा बिताया, बाद में उसने बहुत राहत महसूस की और कहा, ‘मैं वास्तव में यही चाहता था कि बस मुझे कोई कंपनी दे.’
आकाश लोनकर

पेपे,पर्ल और सनशाइन एक सुनहरी किरण के रूप में आए हैं. खास तौर पर उन पैसेंजर के लिए, जो भावनात्मक तौर से परेशान होकर सफर कर रहे होते हैं.

कुत्तों के साथ बिताया कुछ वक्त पैसेंजर का दिन बना देता है (फोटो:एनिमल एंजेल्स फांउडेशन, www.animalangels.org.in)

कुछ लोग परिवार के किसी सदस्य की मौत के कारण भारत आते हैं और भावनात्मक रूप से वो बहुत परेशान होते हैं. जब वे अपने देश लौट रहे होते हैं, तो इन कुत्तों को गले लगाकर बहुत आराम महसूस करते हैं.

ये थेरेपी कैसे चुनी गई?

पेपे, पर्ल और सनशाइन की तरह एनिमल एन्जिल्स फाउंडेशन पुणे और मुंबई में 20 अलग-अलग कुत्तों की एक टीम है.

लोनकर ने बताया ये सब कुत्ते उनके परिवारों के साथ रहते हैं, जो कि एनिमल एन्जिल्स फाउंडेशन से जुड़े हैं. इन कुत्तों को इस कैंपेन मैं शामिल होने से पहले सारे जरूरी मेडिकल चेकअप कराए जाते हैं. ये तय किया जाता है कि इन कुत्तों को हॉस्‍प‍िटल या एयरपोर्ट पर इस अभियान के लिए रखा जा सकता है या नहीं.

जो लोग एयरपोर्ट पर इस तिकड़ी को देखता है, वो खुश हो जाता है (फोटो:एनिमल एंजेल्स फांउडेशन/ www.animalangels.org.in)
  इस थेरपी के लिए कुत्ते में कॉन्‍फि‍डेंस, पॉजिटिव सोच और घुलने-मिलने की क्षमता होनी चाहिए. उसे इस तरह के माहौल में ट्रेंड किया जाता है कि कुत्ते अपने आपको शान्त रख सकें
आकाश लोनकर

जिन लोगों ने इन कुत्तों के साथ वक्त बिताया है, वे कुत्तों की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. धर ने बताया कि इनका खास ख्याल रखा जाता है. उन्हें सबसे ज्यादा मजा सनशाइन के साथ वक्त गुजारने में आता है.

इन कुत्तों को इस कैंपेन मैं शामिल होने से पहले सारे जरूरी मेडिकल चेकअप कराए जाते हैं (फोटो: एनिमल एंजेल्स फांउडेशन/ www.animalangels.org.in)
एक बार जब मैंने उसे लाड़ दिखाना बंद किया, तो वो अपना पंजा मेरी गोद में डालकर बैठ गया, जैसे कह रहा हो कि आप उसे प्यार करना बन्द नहीं कर सकते.
शांतनु धर

कुल मिलाकर, ये थेरेपी बेहद कारगर हो रही है.

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Published: 22 Sep 2016,10:58 PM IST

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