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नए साल का जश्न मनाने के लिए कहां जा रहे हैं? गोवा, शिमला, नैनीताल, मसूरी या फिर मनाली? अमां छोड़िए...कहां चक्करों में पड़ रहे हैं. अब हम जो बताने जा रहे हैं वो गांठ बांधकर अपनी अटैची में रख लीजिए, बाद में हमारा एहसान अदा करेंगे जब अखबार में पढ़ेंगे कि नैनीताल, मसूरी में पांव रखने की जगह नहीं है. न्यू ईयर सेलिब्रेट करना है तो ऑप्शन की कोई कमी नहीं है. आगे पढ़िए ऐसे ही कुछ बेहद मजेदार और दिलचस्प जगहों के बारे में जो आपको यकीनन पसंद आएंगे.
अगर आप बर्फीली वादियों में नए साल का जश्न मनाना चाहते हैं तो अौली आपके लिए बेस्ट है. मीलों दूर तक फैली बर्फ की चादर, बर्फीली चोटियों के दिलकश नजारे! देखकर ऐसा लगेगा मानो आप किसी अलग ही दुनिया में हैं.
यहां से हिमालय का नजारा इतना अद्भुत दिखता है कि आप बस देखते ही रह जाएंगे. उत्तराखंड के जोशीमठ के पास बसे अौली में प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने के साथ-साथ स्कीइंग का भी भरपूर मजा उठा सकते हैं.
हिमाचल की वादियों में बसे खज्जियार की खूबसूरती ऐसी है कि इसे मिनी स्विट्जरलैंड कहा जाता है. यहां का सुहावना मौसम, चीड़ और देवदार के ऊंचे-लंबे पेड़, पहाड़ी वादियों में पेड़ों से ढका खज्जियार झील यहां की खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करता है. चंबा और डलहौजी के करीब बसे इस हिल स्टेशन में सुकून के साथ नए साल का जश्न मना सकते हैं.
खज्जियार के साथ-साथ डलहौजी की भी सैर जरूर करें. गगनचुंबी पहाड़, लंबे-लंबे पेड़, आकर्षक घर, झरनों का तेज पानी और ठंडी हवाएं आपको एक अलग ही अहसास कराएगा. डलहौजी में पांच छोटे पुलों के बीच बहने वाली पंजपुला जल कुंड, सातधारा फॉल्स और अद्भूत डायना कुंड के साथ नर्म मुलायम घास से सजी कालाटोप सैरगाह का आनंद उठा सकते हैं.
प्राकृतिक सुंदरता का भरपूर लुत्फ उठा सकते हैं हिमाचल प्रदेश में बसे धर्मशाला और मैक्लोडगंज में. मिनी ल्हासा के रूप में मशहूर ये इलाका तिब्बती शरणार्थियों का ठिकाना है. यहां तिब्बत के धर्म गुरु दलाई लामा का निवास और निर्वासित सरकार का मुख्यालय भी है.
कैंप और ट्रैकिंग का भरपूर मजा उठा सकते हैं कसोल में. ये इलाका हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में है. इसके आसपास पार्वती नदी, मलाना गांव, खीर गंगा जैसे टूरिस्ट प्लेस पर नए साल का शानदार स्वागत कर सकते हैं.
पहाड़ी राज्य उत्तराखंड की गोद में बसा टूरिस्ट प्लेस रानीखेत अपनी मनमोहक सुंदरता के लिए जाना जाता है. यहां का शांत माहौल, फूलों से ढके रास्ते, पाईन और देवदार के लंबे पड़े पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है. यहां फिशिंग का लुत्फ उठा सकते हैं.
अल्मोड़ा जिले के इस छोटे से टूरिस्ट प्लेस पर गोल्फ कोर्स, चौबटिया गार्डन, भालू डैम, हेड़ाखान मंदिर, झूला मंदिर और राम मंदिर जैसे टूरिस्ट प्लेस को देख सकते हैं.
वाइल्डलाइफ में अगर आपकी रूचि है तो इस बार नए साल का स्वागत आप सरिस्का नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व में करें. यहां पर कई जीव-जंतुओं को करीब से महसूस करने के साथ मंदिरों के अवशेष और ऐतिहासिक किलों का दीदार कर सकते हैं. राजस्थान के अलवर जिले में ये नेशनल पार्क है.
सर्दियों के मौसम में केवलादेव नेशनल पार्क यानी की भरतपुर पक्षी विहार जाना सबसे बेहतर होगा. राजस्थान के इस नेशनल पार्क में देशी-विदेशी दुलर्भ प्रजाति के पक्षियों का दीदार कर सकते हैं.
नए साल के जश्न के लिए स्वर्ण नगरी अमृतसर की तरफ भी रुख कर सकते हैं. यहां पर गोल्डन टेंपल में मत्था टेकने और वहां की खूबसूरती से दो-चार होने के साथ-साथ जलियावाला बाग का दीदार कर सकते हैं. बाघा बॉर्डर पर शाम के समय होनेवाले भव्य रिट्रीट परेड और पड़ोसी देश पाकिस्तान को करीब से निहारने का मौका मिलेगा.
भव्य महलों और किलों का दीदार करना चाहते हैं तो राजस्थान की राजधानी जयपुर की तरफ निकलना बेहतर होगा. हवा महल, जल महल, आमेर का किला, जयगढ़ किला, नाहरगढ़ किला, जंतर-मंतर, वॉल सिटी (परकोटा) इतना कुछ है यहां देखने के लिए कि आप बस देखते ही रह जाएंगे.
धार्मिक जगहों पर नए साल का जश्न मनाने के लिहाज से देवनगरी हरिद्वार और ऋषिकेश सर्वोत्तम है. गंगा की अविरल धारा, देवी-देवताओं के मंदिर, प्रकृति के बेहतरीन नजारे और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के साथ सुकून के साथ अपनी छुट्टी को यादगार बना सकते हैं.
हरिद्वार में हर की पौड़ी पर गंगा स्नान, गंगा आरती के साथ, रोपवे से चंडी देवी और मनसा देवी के दर्शन कर सकते हैं. ऋषिकेश में राम झूला-लक्ष्मण झूला और गंगा की कल-कल धारा को करीब से महसूस कर सकते हैं.
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