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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने वैष्णो देवी में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की तादाद तय कर दी है. एनजीटी के आदेश के मुताबिक, अब एक दिन में केवल 50,000 लोग ही दर्शन कर पाएंगे. पर्यावरण की सुरक्षा को देखते हुए एनजीटी ने ये आदेश जारी किया है. एनजीटी की इस पहल के बाद लोगों को यह डर सता रहा है कि उन्हें वैष्णो देवी में दर्शन करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा. लेकिन श्राइन बोर्ड के आंकड़ों पर गौर करें तो सामान्य दिनों में इससे कोई परेशानी नहीं होने वाली.
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, नवरात्र को छोड़कर बाकी दिनों में औसतन 15 हजार से 20 हजार लोग ही दर्शन करने पहुंचते हैं.
इस साल वैष्णो देवी पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पर गौर करें तो जनवरी महीने में 4 लाख 54 हजार लोगों ने दर्शन किए. वहीं फरवरी महीने में ये आंकड़ा 3 लाख, 28 हजार तक पहुंचा. अभी पिछले महीने की ही बात करें तो अक्टूबर में ये आंकड़ा 6 लाख 94 हजार 130 था. बाकी के महीनों में भी 4 से 6 लाख के करीब ही श्रद्धालु हर महीने पहुंच पाए हैं. ऐसे में रोजाना का औसत देखें तो ये 20 हजार के आसपास ही ठहरता है.
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छुट्टियों और वीकेंड के मौके पर वैष्णो देवी आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद में बढ़ोतरी देखने को मिलती है. खासतौर से समर वैकेशन और नवरात्र के समय यहां काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. साल में दो बार आश्विन और चैत्र मास में नवरात्र के मौके पर माता के भक्त काफी संख्या में दर्शन करने आते हैं. कई बार ये आंकड़ा 50 हजार को भी पार कर जाता है. लेकिन हर दिन ऐसा नहीं होता है.
इस साल समर वैकेशन के दौरान मई में जहां 9 लाख 10 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे थे, वहीं जून में ये आंकड़ा 11 लाख 84 हजार था. अश्विन नवरात्र वाले महीने सितंबर में 7 लाख 35 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए.
1950 के बाद से हरेक साल वैष्णो देवी जाने वाले श्रद्धालुओं की तादाद में बढ़ोतरी हो रही थी. लेकिन पिछले चार सालों से इनकी तादाद में कमी आ रही है. साल 2011 में 1.01 करोड़ लोगों ने और 2012 में 1.04 करोड़ लोगों ने यहां आकर नया रिकॉर्ड बनाया था.
पिछले चार सालों से वैष्णो देवी आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कमी देखने को मिल रही है. साथ ही आम दिनों में यहां पर औसतन 20 हजार के करीब लोग ही दर्शन करते हैं. ऐसे में एनजीटी की तरफ से 50 हजार श्रद्धालुओं की तादाद तय करने के आदेश बाद लोगों की ये चिंता बेबुनियाद है कि उन्हें दर्शन करने में परेशानी होगी.
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