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अत्तुकल पोंगल हर साल मकाराम कुम्भ मलयालम महीने के दिन (कर्थिका स्टार) मनाया जाता है. मतलब इस त्योहार को हर साल फरवरी-मार्च महीने में सेलिब्रेट करते हैं. अत्तुकल पोंगल को दस दिनों तक मनाते हैं. केरल में मनाए जाने वाले अत्तुकल पोंगल पर लोग अत्तुकल देवी की पूजा करते है. इस त्योहार की आखिरी रात को कुरुथिथार्पनाम के रूप में जाना जाता है.
अत्तुकल पोंगल दक्षिण भारत के लोकप्रिय त्योहारों में से एक है. इस वजह से इस त्योहार को अत्तुकल देवी या अत्तुकल के भगवती मंदिर में मनाया जाता है.
अत्तुकल पोंगल इस साल 9 मार्च 2020 को सेलिब्रेट किया जा रहा है.
अत्तुकल पोंगल की पूजा का शुभ मुहूर्त यानी पूरम नक्षत्रम- 9 मार्च की सुबह 4 बजकर 9 मिनट से शुरू होकर 10 मार्च की सुबह 1 बजकर 8 मिनट तक है.
इस दिन महिलाएं अत्तुकल देवी या अत्तुकल के भगवती मंदिर में मीठा भी अर्पित करती हैं. इस दिन महिलाएं मंदिर के आसपास 'पोंगल' का प्रसाद बनाती हैं. 'पोंगल' का प्रसाद मिट्टी के बर्तन में मीठा चावल, गुड़ और नारियल को एक साथ उबाल कर देवी के लिये बनाया जाता है. आपको बता दें कि पोंगल के त्योहार को 23 फरवरी 1997 में सबसे ज्यादा महिलाओं की उपस्थिति के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया था. इस त्योहार पर 1.5 लाख महिलाओं ने पोंगल में भाग लिया था.
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