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Vinayak Chaturthi 2022 Date: हर माह की चतुर्थी तिथि के दिन विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाता है, यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता हैं. इस दिन विधि-विधान के साथ भगवान गणेश की पूजा करते हैं. अगहन मास यानी मार्गशीर्ष मास की चतुर्थी तिथि 27 नवंबर के दिन पड़ रही हैं. मान्यता हैं कि विनायक चतुर्थी का व्रत करने से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है और जीवन में आ रहे सभी विघ्न दूर हो जाते हैं.
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 26 नवंबर 2022 को शाम 7 बजकर 28 मिनट पर शुरू होगी और 27 नवंबर को शाम 4 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगी. विनायक चतुर्थी व्रत 27 नवंबर 2022, रविवावर के दिन रखा जाएगा.
मार्गशीर्ष माह की विनायक चतुर्थी के दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 27 नवंबर को सुबह 11 बजकर 6 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 12 मिनट तक रहेगा.
विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी के इस मंत्र ॐ हुं गं ग्लौं हरिद्रा गणपत्ये वरद वरद सर्वजन हृदये स्तम्भय स्वाहा, ॐ ग्लौं गं गणपतये नमः का कम से कम 51 बार जाप करें.
इस दिन ब्रह्न मुहूर्त में उठकर स्नान आदि कर लें.
इसके बाद साफ लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण कर लें.
अब पूजा घर में चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें.
गणेश जी का जलाभिषेक करें.
अब भगवान को फूल, माला, दूर्वा चढ़ा दें.
भगवान गणेश जी को सिंदूर का तिलक लगाएं.
अब भगवान को मोदक, बूंदी के लड्डू चढ़ा दें.
अंत में आरती आदि करने के बाद प्रसाद बांट दें.
व्रत रखने के बाद पंचमी तिथि के दिन व्रत का पारण कर दें.
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