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मैं 27 साल का हूं और दिसपुर, असम का रहने वाला हूं. मैं यहीं पैदा हुआ और मैंने अपना अधिकांश जीवन यहीं गुजारा. मेरे पिता ने 35 सालों तक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) में सेवा दी. मेरे परिवार - पिता, माता, 3 भाई-बहन, और मुझे - 2019 में प्रकाशित नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटिज़न्स में शामिल नहीं किया गया है.
किस्मत से, मेरे माता-पिता और छोटी बहन ने एनआरसी प्रक्रिया शुरू होने से पहले आधार कार्ड के लिए आवेदन किया था. ये प्रक्रिया मेरी दो बहनों, भाई और मेरे लिए दर्दनाक है. मैंने अब तक पांच बार आवेदन किया है, केवल हर बार अस्वीकृति का सामना करना पड़ता है. पांचवी कोशिश में पता चला कि मेरे आधार का बायोमेट्रिक लॉक हो गया है क्योंकि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स में मेरा नाम नहीं है.
अब समस्या ये है कि मेरी कंपनी ने मुझे मेरे भविष्य निधि खाते को जोड़ने के लिए आधार के डिटेल्स देने को कहा है. उन्होंने मुझे इसे जमा करने का अल्टीमेटम दिया है. सभी जानते हैं कि आज, आधार कार्ड अनिवार्य है. इसके बिना, मेरी नौकरी जा सकती है.
मेरी शादी हो चुकी है और मेरा एक चार साल का बेटा है. अगर मैं आधार कार्ड न होने की वजह से अपनी नौकरी खो देता हूं, तो कौन जिम्मेदार होगा?
जन्म प्रमाण पत्र, वोटर आईडी कार्ड, मेरे पास अपनी नागरिकता साबित करने के लिए सभी दस्तावेज हैं. जब मेरे पिता, माता और बहन के पास आधार कार्ड हो सकता है, तो मुझे क्यों नहीं मिल सकता?
(सभी 'माई रिपोर्ट' ब्रांडेड स्टोरिज सिटिजन रिपोर्टर द्वारा की जाती है जिसे क्विंट प्रस्तुत करता है. हालांकि, क्विंट प्रकाशन से पहले सभी पक्षों के दावों / आरोपों की जांच करता है. रिपोर्ट और ऊपर व्यक्त विचार सिटिजन रिपोर्टर के निजी विचार हैं. इसमें क्विंट की सहमति होना जरूरी नहीं है.)
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