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कल्पना कीजिए कि आप अपने परिवार के साथ यात्रा कर रहे हैं और दो आदमी आपकी कार को घेर लेते हैं, आपसे गाली-गलौज करते हैं और आपकी कार पर पथराव करते हैं. ऐसी स्थिति में आप क्या करेंगे?
"5 अगस्त को मैं बेंगलुरु (Bengaluru) में एक पारिवारिक समारोह से घर लौट रहा था. शाम करीब 5:30 बजे, मैंने रियरव्यू मिरर से देखा कि दो व्यक्ति (बाइक पर) हमारा पीछा कर रहे थे. आखिरकर वे हमसे आगे निकल गए और अपना दोपहिया वाहन हमारी कार के सामने खड़ा कर दिया."
अचानक वे हमारी ओर आये और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने लगे. उन्होंने कार की खिड़कियों पर प्रहार करना शुरू कर दिया और रियरव्यू मिरर को भी तोड़ने का प्रयास किया. उनमें से एक ने सड़क से एक पत्थर उठाया, हमारी ओर इशारा किया और हमें धमकी दी.
ये सब बेंगलुरु के व्हाइटफील्ड के पास नल्लुरहल्ली में हो रहा था. मैं डर गया था क्योंकि कार में दो महिलाएं भी थीं - मेरी चचेरी बहन और पत्नी. हमने 112 पर कॉल करने की कोशिश की, लेकिन नंबर पहुंच से बाहर था. जब हमने मदद के लिए किसी को कॉल करने के लिए अपने फोन का इस्तेमाल करने का प्रयास किया, तो वे और भी आक्रामक हो गए.
उन्होंने हमें तीसरी बार रामगोंडानहल्ली में रोका. ये थोड़ा भीड़भाड़ वाला इलाका था इसलिए कुछ राहगीर आगे आए और हमारी मदद की. पूरी घटना मेरे डैश कैम पर रिकॉर्ड हो गई.
हम सीधे व्हाइटफील्ड पुलिस स्टेशन गए और एफआईआर दर्ज कराई. हमने पुलिस स्टेशन में डैश कैम फुटेज भी जमा किया. मैं शिकायत दर्ज करने के कुछ ही घंटों के भीतर दो लोगों को पकड़ने के लिए पुलिस को धन्यवाद देता हूं.
लेकिन यह घटना हमारे लिए बेहद दर्दनाक है.'मेरे मन में बार-बार यह ख्याल आता है कि 'क्या होता अगर वे सफलतापूर्वक शीशा तोड़कर कार के अंदर घुस जाते.' यह कोई अकेली घटना नहीं है. बेंगलुरु में हाल के दिनों में कई घटनाएं सामने आई हैं.
ऐसी ही एक घटना बेंगलुरु के वर्थुर इलाके में घटी, जहां चार लोगों ने कार में यात्रा कर रहे लोगों पर हमला कर दिया. ये बहुत डरावना है. जबकि मामला दर्ज कर लिया गया है और मामले की सुनवाई अदालत में होगी, मुझे उम्मीद है कि मामले में सख्त फैसला आएगा ताकि यह एक मिसाल कायम हो सके.
एक पुलिस सूत्र ने द क्विंट को बताया, "हमने बाइक पर सवार दो लोगों को पकड़ने के लिए डैश कैम फुटेज का इस्तेमाल किया क्योंकि बाइक पर कोई रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं था. दोनों लोगों की पहचान मुरली, एक टेनिस कोच और रघु, एक इलेक्ट्रीशियन के रूप में की गई है. उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है."
पुलिस ने आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी), 504 (शांति भंग करने का इरादा), 307 (हत्या का प्रयास), 427 (नुकसान और क्षति पहुंचाना), और 341 (गलत तरीके से रोकना) के तहत मामला दर्ज किया है. पहचाने गए लोगों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और जांच जारी है.
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