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प्रोड्यूसर: वर्षा
वीडियो एडिटर: राजबीर सिंह
दिल्ली (Delhi) के सबसे पुराने बाजारों में से एक चांदनी चौक (Chandni Chowk) का 2021 में कायाकल्प हुआ था. लाल किले (Red Fort) से 1.3 किलोमीटर के इलाके में फतेहपुरी मस्जिद तक का नवीनीकरण किया गया था. दुर्भाग्य से, एक साल से अधिक वक्त गुजर जाने के बाद भी, जमीनी हकीकत वह नहीं है, जो वहां रहने या काम करने वाले स्थानीय लोगों से वादा किया गया था.
दिल्ली सरकार ने सीमित संख्या में रिक्शा चालकों को अनुमति देने और उन्हें लाइसेंस जारी करने जैसे नियम बनाया है. वास्तव में, इन नियमों से अभी भी बहुत कुछ बदलना बाकी है और रिक्शा चालकों की मुसीबतें जस की तस बनी हुई हैं.
हमने कुछ रिक्शा चालकों से उनकी समस्याओं को समझने के लिए बात की और यह जानने के लिए कि क्या इस सुधार से उनके जीवन में कोई बदलाव आया है.
28 साल के मोहम्मद हमीदुल, जो 2015 में बिहार से दिल्ली चले गए थे और तब से रिक्शा चला रहे हैं...उन्होंने कहा कि हम इन रिक्शों के लिए प्रतिदिन 200-250 रुपये का किराया देते हैं. अगर रिक्शे को कोई नुकसान होता है तो, इसके लिए हमको भुगतान करना होता है.
रिक्शे का किराया बेतहाशा बढ़ गया है, जिससे इन रिक्शा चालकों की परेशानी बढ़ गई है.
एक अन्य रिक्शॉ चालक ने क्विंट से बात करते हुए कहा कि पहले, हम रिक्शा के लिए 120 रुपये का भुगतान कर रहे थे, लेकिन अब हम 200 रुपये दे रहे हैं. हम निश्चित मूल्य चाहते हैं, लेकिन हम क्या कर सकते हैं?
इस इलाके में लोगों के लिए कई नल और वाशरूम बनाए गए थे, क्योंकि पर्यटक इस स्थान पर आते रहते हैं, लेकिन यहां पर लगे हुए नलों में पानी नहीं मिला.
जब हम वीडियो रिकॉर्ड करने की कोशिश कर रहे थे, तो हमें गार्ड ने रोक लिया और कहा कि हम शूटिंग नहीं कर सकते. हमें बताया गया कि ऐसा बिजली की कुछ समस्या के कारण है लेकिन यह पहली बार नहीं है जब पीने का पानी नहीं मिला.
एक साल पहले सरकार द्वारा चांदनी चौक का नवीनीकरण बहुत उम्मीद के साथ किया गया था लेकिन हकीकत में ऐस नहीं हुआ है. कई वादे किए गए, लेकिन जमीन पर हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है.
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