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वीडियो एडिटर: संदीप सुमन
दिल्ली के राजन बाबू इंस्टीट्यूट ऑफ पलमोनरी मेडिसिन एंड ट्यूबरक्लोसिस के रेजिडेंट डॉक्टर 14 अक्टूबर से हड़ताल पर हैं. पिछले चार महीने से उन्हें सैलरी नहीं मिली है.
सैलरी नहीं देने के बावजूद MCD के हॉस्पिटल ने दो महीने पहले डॉक्टरों की नियुक्ति की. दूसरों की जान बचाने वाले डॉक्टर खुद के लिए ही संघर्ष कर रहे हैं.
अस्पताल प्रशासन, एमसीडी दिल्ली सरकार से लेकर उपराज्यपाल तक डॉक्टरों ने सभी के पास अपनी परेशानी बताई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. हड़ताल के बावजूद अस्पताल में डॉक्टर इमरजेंसी सेवाएं दे रहे हैं.
दिल्ली नगर निगम (उत्तर) के मेयर जय प्रकाश ने क्विंट को बताया कि हम गंभीर आर्थिक संकट में हैं. दिल्ली सरकार को हमें 1,600 करोड़ रुपये का भुगतान करना है. उन्होंने फंड जारी नहीं किया है. हमारा खुद का राजस्व लॉकडाउन के कारण लगभग 25% तक हो गया है, जो हम पहले टैक्स, विज्ञापन आदि से कमाते थे. हमने डॉक्टरों से 15-20 दिनों तक इंतजार करने के लिए कहा है. हम इसका एक समाधान निकालेंगे.
(सभी 'माई रिपोर्ट' ब्रांडेड स्टोरिज सिटिजन रिपोर्टर द्वारा की जाती है जिसे क्विंट प्रस्तुत करता है. हालांकि, क्विंट प्रकाशन से पहले सभी पक्षों के दावों / आरोपों की जांच करता है. रिपोर्ट और ऊपर व्यक्त विचार सिटिजन रिपोर्टर के निजी विचार हैं. इसमें क्विंट की सहमति होना जरूरी नहीं है.)
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