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DDA के विरोध में द्वारका निवासी, लगाई जंगल बचाने की गुहार

डीडीए ने द्वारका के भारत वंदना उद्यान के 200 एकड़ में फैले हरे-भरे हिस्से को एक थीम पार्क में बदलने का फैसला किया है

क्विंट हिंदी
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द्वारका निवासियों ने कहा- हमें थीम पार्क नहीं, जंगल चाहिए
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द्वारका निवासियों ने कहा- हमें थीम पार्क नहीं, जंगल चाहिए
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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वीडियो एडिटर: विशाल कुमार

रविवार शाम को, डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण) के विरोध में द्वारका के लगभग 50 निवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया.

डीडीए ने द्वारका के भारत वंदना उद्यान के 200 एकड़ में फैले हरे-भरे हिस्से को एक थीम पार्क में बदलने का फैसला किया है, जिससे इलाके के लोगों में गुस्सा है. स्थानीय लोगों ने चिलचिलाती धूप में मानव श्रृंखला बनाई, ताकि विरोध में आवाज उठाई जा सके और अपने जंगल की रक्षा की जा सके.

भारत वंदना उद्यान के नाम से 200 एकड़ का एक बहुत बड़ा ग्रीन एरिया है, जो मास्टर प्लान के तहत प्रोटेक्टेड है, लेकिन डीडीए इसके ऊपर एक थीम प्रोजेक्ट लेकर आ रही है. जिससे बहुत कंक्रीट भरा जाएगा यहां पर.  यहां जंगल और जीव-जंतु खत्म हो जाएंगे. इससे इलाके की बायो डाइवर्सिटी भी नष्ट हो जाएगी.
दीवान सिंह, द्वारका निवासी
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डीडीए इस जंगल में ‘मिनी इंडिया’ की तर्ज पर एक पार्क बनाना चाहती है, जिसमें देश के सभी राज्यों की झलक होगीे. इसके अलावा अलग-अलग राज्यों के व्यंजन, एक एक्वेरियम और मनोरंजन के लिए भी एक स्पेशल जोन बनाया जाएगा.

लेकिन स्थानीय लोगों की मांग है कि यहां पर एक बायोडाइवर्सिटी पार्क बनाया जाए. इससे इलाके के पर्यावरण को बनाए रखने में मदद मिलेगी.

किसी भी तरह का कंंक्रीट वर्क यहां होता है तो ये उजड़ जाएंगे. वैसे भी किसी भी पार्क को बनाने में बहुत ज्यादा पानी खर्च होता है. जबकि जंगल वॉटर कंजर्वेटर होते हैं. वो पानी का लेवल बढ़ाए रखने में मदद करते हैं. द्वारका वालों को वैसे भी पानी बड़ी मुश्किल से मिलता है. अगर हम इस जंगल को नहीं बचाएंगे तो इलाके में पानी का लेवल कम होता जाएगा. हमें पीने का पानी नहीं मिलेगा.  
सुशील कुमार, द्वारका निवासी

इलाके के लोगों ने इसको लेकर डीडीए से संपर्क भी किया, लेकिन अभी तक उन्हें डीडीए की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है.

हम डीडीए के पास गए. हम फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के पास भी गए लेकिन कहीं से भी कोई जवाब हमें अभी तक नहीं मिला है. हमने इस मुद्दे को दिल्ली के LG (उप-राज्यपाल अनिल बैजल) के सामने भी उठाया. हमने एक रिमाइंडर लेटर भी भेजा कि इस पर तुरंत कार्रवाई हो. लेकिन हम अभी भी जवाब का इंतजार ही कर रहे हैं.
सेलवर राजन, द्वारका निवासी

द्वारका के लोगों ने इसको लेकर सिग्नेचर कैंपेन भी चलाया. वो भी एलजी और डीडीए के पास भेजा लेकिन उसके बदले भी कोई एक्शन को लेकर जवाब नहीं आया है. इनका मानना है कि किसी भी पॉलिटिकल पार्टी के एजेंडा में पर्यावरण की रक्षा करना नहीं है.

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