advertisement
Byline: प्रमिता वैश्य और यथार्थ राजपूत (to be added)
Hero Image to be changed
वीडियो प्रोडूसर: वर्षा रानी
वीडियो एडिटर: दीप्ती रामदास
एक जमाने में 73 मीटर ऊंची कुतुब मीनार दिल्ली की सबसे ऊंची इमारत हुआ करती थी, लेकिन अब इस क्षेत्र में कई वाणिज्यिक और आवासीय इमारतें बन चुकी हैं, जिन्होंने इस प्रतिष्ठित स्मारक को छोटा बना दिया. जल्द ही गाजीपुर का लैंडफिल भी इससे ऊंचा हो जाएगा. गाजीपुर लैंडफिल, 70 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ 65 मीटर ऊंचा गंदगी का नया शिखर है.
लेकिन गाजीपुर ही दिल्ली की एकमात्र डंपसाइट नहीं है. पूर्व में गाजीपुर है, तो उत्तर पश्चिमी दिल्ली में भलस्वा लैंडफिल. हम दोनों लैंडफिल के पास रहने वाले लोगों से मिलने गए, ताकि कचरे के ढेर के कारण उन्हें होने वाली समस्याओं को समझ सके.
गाजीपुर लैंडफिल के पास रहने वाली एक महिला कहती है, "यह पानी दूषित है. हमें यहां पाइपलाइन से पानी नहीं मिलता है. अगर हम पाइपलाइन से पानी लाते भी हैं, तो वह भी दूषित हो जाता है."
भलस्वा लैंडफिल की स्थिति भी यहां से अलग नहीं है. निवासियों को वायु, जल और भूमि प्रदूषण की समान समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
कचरे के ढेर के पास रहने वाले निवासियों का कहना है कि सरकार ने उनका जीवन बेहतर बनाने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किए.
दिसंबर 2020 में, पूर्वी दिल्ली के सांसद गौतम गंभीर ने दावा किया था कि गाजीपुर लैंडफिल साइट पर पूरे कचरा डंप को दिसंबर 2024 तक रसायनों के प्रयोग से संसाधित किया जाएगा।
(प्रमिता वैश्य और यथार्थ राजपूत दोनों जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली में मास्टर्स के छात्र हैं.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined