advertisement
वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा/विशाल कुमार
मैं अहमदाबाद के करीब नारोलगाम का रहने वाला हूं, यहां तालाब की वजह से बहुत समस्या है. यहां के लोग तालाब को लेकर बहुत परेशान हैं, बारिश में कभी-कभी पानी घर में घुस जाता है. इसकी वजह से यहां पर लोगों का रहना भी मुश्किल हो गया है. यहां तालाब में गिर जाने से कई लोगों की मौत हो चुकी है.
स्थानीय निवासी मनीषाबेन का कहना है कि, 'यहां कोई सफाई नहीं है. मेरे मम्मी-पापा को यहां रहते हुए 30 साल से ज्यादा हो गया. लेकिन अभी तक न शौचालय है, न ही गटर लाइन. पानी में सीवेज का पानी भी मिला होता है.'
वहीं सुमनबेन बताती हैं कि वो यहां 40 साल से रह रहीं हैं, लेकिन उनकी परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही.
कुछ वक्त पहले सुमनबेन ने कुछ लोगों के साथ अहमदाबाद नगर पालिका और कलेक्टर को जाकर कहा था कि वो इस समस्या का जल्दी हल निकालें. यहां एक सुरक्षा की दीवार बनाएं, लेकिन अभी तक एक भी काम नहीं हुआ है. लोगों को यहां कोई प्राथमिक सुविधा नहीं दी गई है. AMC भी इस बात पर ध्यान नहीं दे रहा है.
हमें तालाब की वजह से बहुत परेशानी हो रही है, अथॉरिटी पैसा लेकर तालाब में केमिकल छोड़ देते हैं, ये तालाब कई बीमारियों की जड़ बन चुका है. कई लोग इसमें डूबकर मर चुके हैं. कम से कम 5-7 लोगों की मौत हुई है.
इस तालाब की समस्या के चलते हमने एक आरटीआई की थी. जिसमें हमने पूछा की इस तालाब के विकास के लिए क्या किया गया है? हमें इसके खर्चे का हिसाब दीजिए. तो इस पर इन लोगों का कहना है कि यहां पर जो खर्चा किया गया है, उसका हिसाब इनके पास मौजूद नहीं है.
नारोलगाम के स्थानीय मयंक भाई का कहना है कि “स्वास्थ्य विभाग ध्यान नहीं देता. अहमदाबाद नगर निगम कुछ नहीं सुनती. हमने एक प्रोग्राम चलाया था, जिसमें हमने अपनी समस्या बताई थी कि कैसे हमारे घर में ड्रेनेज का पानी घुस जाता है. लोग बीमार पड़ रहे हैं.”
ये इलाका खास इसलिए भी है, क्योंकि ये हमारे प्रधानमंत्री मोदी का क्षेत्र है, वो जब गुजरात में चुनाव लड़ते थे तो यहीं से लड़ते थे. हम मोदी जी से कहना चाहते हैं, अपने विकास के नाम पर आपने खुद का विकास कर लिया, लेकिन आपके इलाके का कोई विकास नहीं हो पाया है. आप खुद प्रधानमंत्री बन गए लेकिन आपके इलाके का कुछ नहीं हुआ.
(सभी 'माई रिपोर्ट' ब्रांडेड स्टोरिज सिटिजन रिपोर्टर द्वारा की जाती है जिसे क्विंट प्रस्तुत करता है. हालांकि, क्विंट प्रकाशन से पहले सभी पक्षों के दावों / आरोपों की जांच करता है. रिपोर्ट और ऊपर व्यक्त विचार सिटिजन रिपोर्टर के निजी विचार हैं. इसमें क्विंट की सहमति होना जरूरी नहीं है.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined