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स्कूल से लेकर कॉलेज तक हमें हमेशा यही सिखाया जाता है कि हमारा भविष्य सिर्फ अच्छे मार्क्स पर निर्भर करता है. अगर अच्छे मार्क्स नहीं आएंगे तो हम जीवन में कुछ अच्छा नहीं कर पाएंगे. अक्सर इस होड़ में हमें ये पता भी नहीं चलता कि हमारी जिंदगियां कब उलझ कर रह गईं. और हम धीरे-धीरे इस बोझ तले इतना दब जाते हैं कि बचपन ना जाने कहां गुम हो जाता है.
सबसे मजेदार बात यह है कि अधिकतर पैरेंट्स यह कहते पाए जाते हैं कि मार्क्स से कोई फर्क नहीं पड़ता और दूसरी तरफ अगर मार्क्स अच्छे नहीं आये तो उन्हीं से ये बातें सुनने को मिलती हैं कि अच्छा कॉलेज नहीं मिलेगा. बच्चे इसी कशमकश के झूलते रहते हैं कि आखिर क्या करें.
लेकिन इसमें गलती पूरी तरह पैरेंट्स की भी नहीं कही जा सकती. क्योंकि इस टफ कम्पटीशन के दौर में हमारे बड़े हमें वही सिखाते हैं जिस दौर वो गुजर चुके होते हैं.
पर एक बार सोचिये की जिन बच्चों का IIT TISS, LSR , NLU में सलेक्शन नहीं होता वो अपने जिंदगी में कुछ नहीं कर पाते? हां ये जरुर है कि अच्छे नंबर, अच्छे कॉलेज से आपको एक अच्छा भविष्य जरूर मिल जाता है, लेकिन एक एवरेज नंबर पाने वाला बच्चा अपनी जिंदगी में कुछ नहीं कर सकता ये कहना गलत होगा. एक एवरेज बच्चा किताबी ज्ञान से उठकर रोजमर्रा की जिंदगी से बहुत कुछ सीख कर आगे बढ़ सकता है.
धीरूभाई अंबानी, स्टीव जॉब्स जैसी महान हस्तियों ने ये साबित कर दिया है कि अगर आपने कुछ करने का ठान ली है तो सफलता किसी डिग्री और कॉलेज की मोहताज नहीं है. आगर आप मैं कुछ कर गुजरने का जज्बा है, तो दुनिया आपको सलाम करेगी जिसके लिए आपको किसी नौकरी या अच्छे कॉलेज के ठप्पे की जरूरत नहीं होती.
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