मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019My report  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019भारत और पाकिस्तान का मसला कैसे होगा हल? 

भारत और पाकिस्तान का मसला कैसे होगा हल? 

आज इंटरनेट के युग में सोशल नेटवर्किंग साइट्स ने दोनों देशों के दिल जोड़ दिए हैं

राहुल
My रिपोर्ट
Updated:
भारत और पाकिस्तान का मसला कैसे होगा हल?
i
भारत और पाकिस्तान का मसला कैसे होगा हल?
(फोटो: क्विंट)

advertisement

क्या करेगा वो समझकर कि सियासत क्या है, जिसने ये जान लिया कि मुहब्बत क्या है राहत इंदौरी की ये खूबसूरत पंक्तियां पाक-हिंद की दूरियों की सारी हकीकत को व्यक्त करने के लिए काफी है. अगर कोई सारी स्थिति को ध्यान से समझेगा तो उसे यह समझने में वक्त नहीं लगेगा कि सारी करामत ही सियासत की है.

अगर सियासत न हो तो शायद ये समस्या शुरू ना होती. अगर हम इतिहास को देखे तो भारत-पाक विभाजन सियासत का ही खेल था. हिन्दू-मुस्लिम राजनीति की जड़ें तब की फैल चुकी थी. अगर उस समय के भगत सिंह जैसे युवा के विचारों को देखें तो उन्होंने उस समय इस नफरत की राजनीति को बेनकाब कर दिया था, लेकिन शायद उस समय के राजनेता समझने में विफल रहे. आज हिंदुस्तान और पाकिस्तान दो अलग-अलग सत्य हैं, जो हमें स्वीकार करने हैं.

किसी भी झगड़े का हल कभी भी हिंसा नहीं हो सकती. गांधी के देश में किसी भी समस्या का हल सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हो सकती. दुनिया में भारत पाक के नक्शे के अलावा दोनों देशों की लगभग हर चीज एक समान है. दोनों देशों में पहनावे, खाना, भाषा, नृत्य, कला एक जैसी हैं. भारत की फिल्में पाक में धूम मचाती हैं और पाक के गाने भारत में सुने जाते हैं. ये समझना काफी मुश्किल है कि जिन देशों को इतनी चीजें समान है वहां किस बात के मतभेद है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

आज इंटरनेट के युग में सोशल नेटवर्किंग साइट्स ने दोनों देशों के दिल जोड़ दिए हैं. फेसबुक, व्हाट्सऐप पर दोनों देशों के लोग बातचीत करके एक दूसरे को जानते है. लोगों ने अब ये जान लिया है कि सरहद पार के लोग उनके जैसे ही हैं और उसी तरह सोचते हैं जैसे वह खुद. सैन्य कार्रवाई करना कोई अंतिम समाधान नहीं है पर देश की सुरक्षा से खिलवाड़ भी किसी हद में किसी को मंजूर नहीं है. परंतु समस्या को जड़ से मिटाना हमारा फर्ज है. इसका हल सिर्फ बातचीत है. जितना ज्यादा बातचीत होगी उतने मतभेद प्रकट होंगे और उतने मसले हल होंगे.

अटल बिहारी वाजपेयी ने जितने प्रयास किए अगर उनको जारी रखा जाता तो शायद आज समस्या खत्म हो जाती. सैन्य कार्रवाई सिर्फ देश की माताओं के वीर सपूतों की शहीदी पर खत्म होगी और उसके बाद भी समस्या हल हो ये निश्चित नहीं.

आज पाक के प्रधानमंत्री पूर्व क्रिकेटर इमरान खान खुद बार-बार बातचीत करने का आग्रह कर रहे है और हर समस्या का हल करना चाहते है. भारत को भी बड़ा दिल दिखाकर एक मौका नए प्रधानमंत्री को देना चाहिए. गांधी के भारत की जिम्मेदारी है कि वह हर झगड़े बातचीत से हल करे. जब भारत-पाक के मतभेद खत्म होंगे तो कश्मीर, आतंकवाद, व्यापार और न जाने कितनी समस्याएं हल होंगी. अतः भारत पाक की समस्या का हल जादू की झप्पी है न की सर्जिकल स्ट्राइक.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 15 May 2019,05:21 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT