advertisement
'NMC ने हाल ही में एक नोटिस जारी किया था जिसमें कहा गया है कि FMGEs (फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन) जिन्होंने COVID के दौरान या युद्ध की स्थिति के कारण ऑनलाइन कक्षाएं कीं, उन्हें एक साल की (अतिरिक्त) इंटर्नशिप करनी होगी. ये आदेश स्टूडेंट्स की बड़ी संख्या पर लागू होता है. आदेश उन्हें आर्थिक और मानसिक रूप से प्रभावित करेगा.'
छात्रों का कहना है कि ये मांग तुरंत वापस ली जाए, वहीं, शहरोज खान के नाम के एक छात्र ने बताया कि ऑनलाइन क्लास लेना हमारी मर्जी नहीं थी,और हमें परेशान क्यों किया जा रहा है. इस आदेश से प्रभावित होने वाले एक छात्र ने एक बार में स्क्रीनिंग परीक्षा पास की और अपनी एक साल की स्क्रीनिंग भी पूरी कर ली. और अब उन्हें एक और साल के लिए इंटर्नशिप करने के लिए कहा जा रहा है.
उन्होंने आगे बताया कि इनमें से कई एफएमजी डाक्टरों ने महामारी के दौरान डॉक्टरों की कमी होने पर कोविड रोगियों की देखभाल की थी. उन्होंने सात दिनों 24 घंटें काम किया.
शहरोज का कहना है कि हम भी डॉक्टर हैं. लेकिन स्क्रीनिंग परीक्षा पास करने के बाद भी हमारे लिए रजिस्ट्रेशन और इंटर्नशिप शुरु करने के लिए एक अलग कॉलम क्यों हैं. क्या हमारे साथ इंडियन स्टूडेंट्स की तरह बराबरी का बर्ताव नहीं होना चाहिए.
एनएमसी के आदेश के बाद भी हमें इंटर्नशिप के दौरान स्टाइपेंड नहीं मिल रहा है. ये कुछ मुद्दे हैं जिन्हें उठाने की जरुरत है. हमें न्याय चाहिए हम भी डॉक्टर हैं. एफएमजी डॉक्टर भी इंडियन है. और हम भी डॉक्टर हैं
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)
Published: undefined