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Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019My report  Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कोलकाता: स्कूल फीस में बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन

कोलकाता: स्कूल फीस में बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन

हमने स्कूल में 10% बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा और 500 रुपये का हेल्थकेयर चार्ज हटाने को कहा. लेकिन स्कूल नहीं माना.

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<div class="paragraphs"><p>स्कूल फीस में बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन</p></div>
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स्कूल फीस में बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन

(फ़ोटो: क्विंट हिंदी)

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कोलकाता (Kolkata) के साल्ट लेक में श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन (Sri Aurobindo Institute of Education Fee Hike) ने इस साल हमारे बच्चों के स्कूल फीस में 20% की वृद्धि की है. हम बच्चों के माता-पिता और अभिभावक स्कूल के इस कदम से खुश नहीं हैं, खासकर महामारी के बाद के समय में जब हम सभी अपनी कमाई में कटौती के कारण संघर्ष कर रहे हैं.

हम स्कूल से बात करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वे हमारी नहीं सुन रहे हैं.

"कोविड के बाद पैरेंट्स के लिए इस तरह की बढ़ोतरी को सहन करना मुश्किल है. इसलिए, हमने स्कूल से बढ़ोतरी को कम करने का अनुरोध किया. इस संबंध में हमने स्कूल के बाहर (16 जुलाई) प्रदर्शन किया था जिसमें स्थानीय पुलिस ने हस्तक्षेप किया था. पुलिस ने हमारे और स्कूल प्रशासन के बीच एक बैठक का आयोजन किया. स्कूल ने कहा कि तीन दिनों के भीतर एक समिति हमारे साथ बैठेगी. दो सप्ताह से अधिक हो गए हैं लेकिन वह बैठक नहीं हुई है."
भास्कर सुर, अभिभावक
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हम समझते हैं कि स्कूल को अपने कर्मचारियों को भुगतान करने की आवश्यकता है. महंगाई के दौर में हर चीज का खर्चा बढ़ रहा है, जिसके लिए हम स्कूल फीस में 10 फीसदी की बढ़ोतरी करने को तैयार हैं. हालाँकि, 20% बहुत अधिक होगा.

उसके ऊपर हमसे स्वास्थ्य सेवा शुल्क के रूप में प्रति माह 500 रुपये वसूले जा रहे हैं. यह भी अनुचित है क्योंकि हमें स्कूल में कोई स्वास्थ्य सुविधा नहीं दिख रही है, तो हम इसके लिए भुगतान क्यों करें ?

"हमने स्कूल गवर्निंग बॉडी को 10% की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया और 500 रुपये प्रति माह के स्वास्थ्य शुल्क को हटाने के लिए कहा. लेकिन स्कूल इसके लिए सहमत नहीं हुआ. हम अभिभावकों ने स्कूल शुल्क को NEFT के माध्यम से 10% की वृद्धि के साथ और 500 रुपये चिकित्सा शुल्क में कटौती करके स्थानांतरित करने का निर्णय लिया."
संजय पोइरा, अभिभावक

स्कूल गवर्निंग बॉडी का कहना है कि वे इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कर सकते. उनका कहना है कि उन्होंने महंगाई के कारण कीमतों में बढ़ोतरी की है और उन्हें स्कूल के कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि करनी है. स्कूल का कहना है कि कर्मचारियों को सरकारी ढांचे के अनुसार भुगतान किया जाता है.

हमारा विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक स्कूल फीस स्ट्रक्चर में सुधार नहीं करता.

छात्रों के माता-पिता और अभिभावकों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर क्विंट ने श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन से संपर्क किया है. उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार है. प्रतिक्रिया मिलने पर कहानी को अपडेट किया जाएगा.

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