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लीलामा मथाई, मुंबई के चेंबूर के मरौली गांव में रहते इन्हें 30 साल हो चुके हैं. मथाई अपने दो बेटों और 75 साल की मां के साथ रहती हैं. वो बताती हैं कि हर माॅनसून, उनके घर में सीवेज के गंदे पानी की बाढ़ आती है.
इस दुर्दशा की वजह पानी निकासी की सही व्यवस्था का न होना है. लीलामा का कहना है कि वो पिछले 11 सालों से असिस्टेंट कमीश्नर सहित बीएमसी का दरवाजा खटखटा रही हैं. वो कहती हैं कि शिकायत की गंभीरता के बावजूद अधिकारी बहाने बनाते हैं.
लीलामा के बेटे जेरी मथाई, इसके लिए बीएमसी को जिम्मेदार बताते हैं और कहते हैं कि बीएमसी अपने काम से भाग रही है.
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