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वीडियो एडिटर: कुणाल मेहरा
रिपोर्टर: बिलाल जलील
कैमरा: संजॉय देब
कभी आपने सोचा है कि हमारे बहादुर जवानों के लिए संदेश के क्या मायने होते हैं? थोड़ा सोचें और अंदाजा लगाएं तो एहसास होगा कि हमारे जवानों के लिए अपने परिवार की सलामती का संदेश एक अलग सुकून और भरोसा है.
आज के वक्त में लगभग सभी जवान फोन के जरिए अक्सर अपने परिवार से जुड़े रहते हैं, लेकिन क्विंट से बात करते हुए उन्होंने याद किया वो दौर जब घर से आता था संदेश और मिलती थी अलग खुशी.
बीएसएफ के जवान रविंद्र सिंह याद करते हुए कहते हैं कि जब चिट्ठी आती थी तो ऐसा लगता था कि लंबे समय बाद किसी अपने से मिल रहा हूं.
रविंद्र सिंह कहते हैं कि महीनों में चिट्ठियां आती थीं और जब मिलती थीं तो वो उन्हें बार-बार पढ़ते थे.
विक्रम सिंह कहते हैं,
शिवाजी राव चिट्ठी के इंतजार को अच्छे से बयां करते हैं और कहते हैं कि कितना वक्त लगता था और कैसे वो उस वक्त को काटते थे.
अगर आपको कभी किसी फौजी से कुछ कहना हो, जिससे आप कभी न मिले हों, तो क्या कहेंगे? क्या संदेश आपका होगा? स्वतंत्रता दिवस के मौके पर क्विंट हिंदी आपसे कहना चाहता, देश के जवानों के नाम संदेश लिखिए और रिकॉर्ड कीजिए. उन तक अपनी बात पहुंचाइए. ये वो जवान हैं, जो बहादुरी से हर हाल का सामना करने लिए डटे हुए हैं.
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Published: 14 Aug 2019,11:07 PM IST