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PM के वाराणसी में दिव्यांग छात्रों का भविष्य 'अंधेरे' में

PM Modi ने कहा था, ‘विकलांग’ शब्द की जगह ‘दिव्यांग’ का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

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<div class="paragraphs"><p>ब्लाइंड स्कूल के बच्चों क्यों कर रहे प्रदर्शन?</p></div>
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ब्लाइंड स्कूल के बच्चों क्यों कर रहे प्रदर्शन?

(फोटो: क्विंट)

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साल 2016 में पीएम मोदी (PM Modi) ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में एक कार्यक्रम के दौरान ‘विकलांग’ की जगह ‘दिव्यांग’ शब्द इस्तेमाल करने की बात कही. इसे लेकर हर तरफ खूब चर्चा भी हुई. लेकिन अब पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ही मौजूद उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा ब्लाइंड स्कूल बंद होने जा रहा है.

स्मृति सेवा ट्रस्ट द्वारा दुर्गाकुंड का श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार अंध विद्यालय (Shree Hanuman Prasad Poddar Andh Vidhyalaya) ने 9वीं से 12वीं कक्षा को बंद करने का फैसला किया है.

इस फैसले के खिलाफ ब्लाइंड स्कूल के छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं, आरोप है कि साल 2019 के बाद से स्कूल को सरकारी मदद और फंड नहीं मिल रही है. मंदीप शर्मा, ब्लाइंड स्कूल के छात्र कहते हैं, "2020 में आर्थिक मंदी के चलते कई कक्षाएं बंद की गई. हमने इस निर्णय के खिलाफ प्रधानमंत्री से भी अपील की है. जुलाई 2021 में हमने अपने शिक्षा के अधिकार को लेकर प्रदर्शन शुरू किया. 2020 में हाई कोर्ट में भी कक्षाओं को बंद करने पर सवाल उठाते हुए पेटिशन दायर की थी."

बता दें कि 1972 से जब से इस स्कूल की शुरुआत हुई तभी से एक प्राइवट ट्रस्ट दान और केंद्र सरकार से ग्रांट लेने का काम कर रहा है. उत्तर प्रदेश में ये सबसे बड़ा ब्लाइंड स्कूल है. नॉर्थ इंडिया की दूसरी सबसे बड़ी लायब्रेरी यहीं पर है.

कुंदन कुमार कहते हैं,

2020 में लॉकडाउन के वक्त जब हम लोग अपने घर पर थे, तब हमारे माता-पिता को खत लिखा गया कि कुछ कक्षाएं बंद की जा रही है. इसके चलते कई लोगों को अपना दाखिला दूसरे स्कूल में करना पड़ा.
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स्कूल प्रशासन का कहना है कि उन्हें ये कदम इसलिए उठाना पड़ा क्योंकि उनके पास स्कूल को चलाने के लिए फंड नहीं है. न ही उन्हें केंद्र सरकार से ग्रांट मिला है. लेकिन छात्रों का आरोप है कि स्कूल अपना पेपरवर्क ठीक से नहीं कर रहा है इसलिए स्कूल को केंद्र सरकार की तरफ से मिलना वाला ग्रांट नहीं मिल पा रहा है. एक और छात्र जसवंत कहते हैं, "हम बच्चों के सिर पर तलवार लटकी है, हमारी पढ़ाई का काफी नुकसान हो रहा है. ऐसा ही होता रहा तो हमरा साल खराब हो जाएगा. हमारे माता-पिता की भी चिंता बढ़ जाएगी."

स्कूल के प्रबंधक ने द क्विंट को बताया है कि फिल्हाल कक्षा 1-8वीं तक 125 छात्र इस स्कूल में पढ़ रहे हैं. वहीं परदर्शन कर रहे बच्चों की मांग है कि बंद की गई कक्षा 9वीं से 12वीं को फिर शुरू किया जाए, साथ ही स्कूल की जिम्मदेरी सरकार अपने हाथ में ले.

(सभी 'माई रिपोर्ट' ब्रांडेड स्टोरिज सिटिजन रिपोर्टर द्वारा की जाती है जिसे क्विंट प्रस्तुत करता है. हालांकि, क्विंट प्रकाशन से पहले सभी पक्षों के दावों / आरोपों की जांच करता है. रिपोर्ट और ऊपर व्यक्त विचार सिटिजन रिपोर्टर के निजी विचार हैं. इसमें क्‍व‍िंट की सहमति होना जरूरी नहीं है.)

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Published: 25 Jul 2021,03:08 PM IST

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