advertisement
नई दिल्ली, 30 अप्रैल (आईएएनएस)| देश में करीब 74 फीसदी घर-खरीदार रियल एस्टेट नियामक अधिनियम के तहत किसी रियल्टी परियोजना की अनुपालन स्थिति की जांच की ऑनलाइन प्रक्रिया से अनजान हैं।
मैजिकब्रिक्स की रपट में सोमवार को यह जानकारी दी गई है। मैजिकब्रिक्स कंज्यूमर चॉइस पोल में कहा गया है, 74 फीसदी प्रतिभागियों को यह जानकारी नहीं है कि यह अनिवार्य है कि परियोजना राज्य रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) में पंजीकृत है या नहीं और उन्हें यह जानकारी नहीं है कि इसे रेरा की वेबसाइट पर कैसे जांचा जा सकता है।
रपट में कहा गया है, जिन राज्यों की सरकारें सक्रिय रही हैं और रेरा की वेबसाइट और मशीनरी का गठन किया है, वहां बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं ने रियल एस्टेट परियोजनाओं की वैधता की जांच की है। लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में राज्यों ने रेरा की वेबसाइट को तैयार नहीं किया है, इसलिए उपभोक्ता जागरूकता कम है।
रपट के मुताबिक, रेरा का गठन करनेवाले महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश पहले राज्य थे। जब इस कानून को 2017 में एक मई को लागू किया गया, तभी उन्होंने रेरा का गठन कर दिया था।
(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)