Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बढ़ रही हैं दुर्घटनाएं

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बढ़ रही हैं दुर्घटनाएं

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बढ़ रही हैं दुर्घटनाएं

IANS
न्यूज
Published:
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बढ़ रही हैं दुर्घटनाएं
i
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बढ़ रही हैं दुर्घटनाएं
null

advertisement

आगरा, 20 मई (आईएएनएस)| यातायात के नियमों का पालन किए बिना रफ्तार से गाड़ियां चलाने के कारण उत्तर प्रदेश के दोनों एक्सप्रेसवे पर जानलेवा दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है। साल 2012 में शुरू हुए यमुना एक्सप्रेसवे पर लगभग एक हजार लोगों की जान जा चुकी है, तो नवनिर्मित आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर भी 100 से ज्यादा लोग मर चुके हैं। नवनिर्मित एक्सप्रेसवे से आगरा से लखनऊ सिर्फ पांच घंटे में पहुंचा जा सकता है। प्रशासन रफ्तार पर काबू पाने के लिए कोई प्रभावी तंत्र स्थापित करने में विफल रहा है।

आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन के सचिव के. सी. जैन की तरफ से दाखिल आरटीआई (सूचना का अधिकार) से पता चला है कि इस एक्सप्रेसवे पर 'नौ महीने में ही 853 दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 100 लोगों की मौत हो चुकी है।'

एक अनुमान के मुताबिक, इस एक्सप्रेसवे पर एक साल में एक करोड़ वाहन गुजरेंगे जिनसे टोल कर के रूप में 200 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा।

302 किलोमीटर लंबे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की महत्वाकांक्षी परियोजना अखिलेश यादव सरकार की थी। इसे जनता के लिए 23 दिसम्बर 2016 को खोल दिया गया। इस मार्ग पर टोल टैक्स 19 जनवरी 2018 से वसूला जाने लगा।

एक्सप्रेसवे के इतने लोकप्रिय होने के बावजूद संबंधित विभाग अभी तक इस मार्ग पर पुलिस या एंबुलेंस सुविधा मुहैया कराने में असफल रहा है।

इस एक्सप्रेसवे से अक्सर गुजरने वाले सुधीर गुप्ता ने कहा, इस मार्ग पर पेट्रोल पंप, कार मिस्त्री या पंचर ठीक करने वाली दुकानें अब तक नहीं आई हैं।

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे मूलत: 120 किलोमीटर की अधिकतम रफ्तार के लिए तैयार किया गया है। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए इस पर 'स्वचालित यातायात प्रबंधन तंत्र' भी सक्रिय है।

जरूरत पड़ने पर आठ लेन तक बढ़ाया जा सकने वाले छह लेन एक्सप्रेसवे पर चार रेल उपरिगामी पुल, 13 बड़े पुल, 57 छोटे पुल, 74 वाहन अंडरपास, 148 पैदल अंडरपास और नौ फ्लाईओवर हैं।

यह मार्ग 15000 हजार करोड़ की राशि में रिकार्ड 23 महीनों में बनकर तैयार हो गया था। एक्सप्रेसवे 10 जिलों, 236 गांवों और 3,500 हैक्टेयर जमीन पर फैला है।

यह मार्ग आगरा को शिकोहाबाद, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कन्नौज, कानपुर नगर, उन्नाव और हरदोई होते हुए लखनऊ से जोड़ता है। यह मार्ग चार राष्ट्रीय राजमार्गो, दो प्रादेशिक राजमार्गो के अलावा पांच नदियों, गंगा, यमुना, ईसन, साई और कल्याणी नदियों से गुजरता है।

प्रदेश सरकार ने वादा किया था कि एक्सप्रेसवे पर विकास केंद्र, कृषि मंडियां, स्कूल, आईटीआई, विश्राम गृह, पेट्रोल पंप, सर्विस सेंटर और अन्य सार्वजनिक सुविधाएं प्रदान की जाएगीं। लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है।

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT