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लखनऊ, 6 फरवरी (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अब निजी अस्पतालों को भी टीबी मरीजों की सारी जानकारी निक्षय पोर्टल पर देनी होगी। इसके लिए पूरा खाका तैयार किया गया है। इसमें मरीज का इलाज शुरू करने से पहले और समाप्त होने तक पूरा ब्यौरा दिखाना होगा। जिला के मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. नरेन्द्र सिंह ने इसके लिए एक आदेश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि सभी अस्पतालों और नर्सिग होम को इसकी पूरी जानकारी देने के बाद एनओसी लेनी होगी। इसके बाद ही संस्थान का नवीनीकरण किया जाएगा। जानकारी न देने वाले अस्पतालों और दवा दुकानदारों का पंजीकरण निरस्त कर दिया जाएगा।
सीएमओ ने बताया, "इस नवीनीकरण के दौरान एनओसी भी सारे प्रपत्रों के साथ लगाना अनिवार्य होगा। सरकार देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करना चाहती है। इसके लिए हमें भी आगे बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी करनी होगी।"
टीबी मरीजों का इलाज कर रहे सारे निजी अस्पतालों और डॉक्टरों को जारी निर्देश में कहा गया है कि टीबी की दवा लेने वाले 'हर मरीज का नाम, मोबाइल नंबर समेत पूरा पता आदि जरुरी जानकारी लेकर सीएमओ या जिला टीबी कार्यालय पर देनी होगी। इसके लिए सबसे आसान तरीका है कि सभी लोग मरीज की पूरी जानकारी 'निक्षय पोर्टल' में डाल दें।'
निर्देश के अनुसार, उसके बाद टीबी मरीज का ब्योरा दिए जाने की एनओसी जरुर प्राप्त कर लें। इसके अलावा जानकारी समय से न देने वाले अस्पतालों से लेकर दवा दुकानदारों का पंजीकरण व लाइसेंस तक निरस्त हो सकता है। वहीं, टीबी मरीजों को नोटीफाई करने वाले प्राइवेट डॉक्टरों को अलग से प्रोत्साहन राशि भी देने की भी व्यवस्था की गई है।
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