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संसद भवन से प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय (ED ऑफिस) तक बुधवार, 15 मार्च को विरोध मार्च (Opposition Protest March) कर रहे विपक्षी दलों के कई नेताओं को पुलिस ने रोक दिया. तमाम नेता हाथों में तख्तियां लेकर, नारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे.
क्यों हो रहा था मार्च? कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि अडानी-हिंडनबर्ग मामले में विरोध कर रहे करीब 18 दलों के विपक्षी सांसदों को पुलिस ने ईडी कार्यालय तक नहीं पहुंचने दिया. ये सभी दल हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से सरकार पर हमलावर है और अडानी समूह जे जुड़े इस मामले की गहन जांच की मांग कर रहे हैं.
पुलिस ने क्या कहा? दूसरी ओर, पुलिस ने धारा 144 लागू होने का हवाला देकर सांसदों को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी. रास्ते में रोके जाने के बाद सभी नेता संसद परिसर लौट गए.
विपक्ष ने क्या कहा? मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, "करीब 18 दलों के विपक्षी सांसद अडानी मुद्दे पर प्रवर्तन निदेशालय को एक ज्ञापन देना चाहते हैं, लेकिन सरकार हमें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दे रही है और पुलिस ने हमें विजय चौक पर रोक दिया है. अडानी मामले की विस्तृत जांच के लिए ईडी को अपना मामला पेश करने के लिए हम आगे बढ़ने की कोशिश करते रहेंगे."
TMC, NCP ने भाग लेने से इनकार किया: हालांकि, तृणमूल कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने मार्च में भाग नहीं लिया. TMC नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा कि पार्टी मार्च में भाग लेने के बजाय अपना खुद का विरोध करेगी. LPG की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर TMC के कई सांसद केंद्र के खिलाफ नारेबाजी करते देखे गए.
अमेरिकी रिसर्च फिर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसमें उसने अडानी समूह पर "स्टॉक में हेरफेर" और "धोखाधड़ी" करके पैसा कमाने के आरोप लगाए थे. इसके बाद अडानी समूह के शेयरों में गिरावट देखी गई. विपक्ष भी तभी से सरकार पर हमलावर है और लगातार संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से इस मामले की जांच कराने की मांग कर रहा है.
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