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नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। तालिबान ने अफगानिस्तान के नए गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी को काली सूची में डाले जाने की स्थिति पर अमेरिका द्वारा हाल ही में जारी किए गए बयान पर आपत्ति जताई है।
एरियाना न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि निरंतर प्रतिबंधों पर वाशिंगटन की स्थिति दोनों पक्षों के बीच पिछले साल फरवरी में हस्ताक्षरित दोहा समझौते का उल्लंघन है।
बयान में कहा गया है, इस्लामिक अमीरात इस स्थिति को दोहा समझौते का स्पष्ट उल्लंघन मानता है जो न तो संयुक्त राज्य अमेरिका और न ही अफगानिस्तान के हित में है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान ने हक्कानी नेटवर्क के सिराजुदीन हक्कानी के बारे में की गई हालिया टिप्पणियों पर भी आपत्ति जताई, जिन्हें इस्लामिक अमीरात के कार्यवाहक गृहमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है।
हक्कानी को अमेरिका ने काली सूची में डाल दिया है और उसके सिर पर 1 करोड़ डॉलर का इनाम है।
बयान में कहा गया है, दोहा समझौते में बिना किसी अपवाद के इस्लामिक अमीरात के सभी अधिकारी अमेरिका के साथ बातचीत का हिस्सा थे और उन्हें संयुक्त राष्ट्र और अमेरिकी ब्लैकलिस्ट से हटा दिया जाना चाहिए था, एक मांग जो अभी भी मान्य है।
अमेरिका और अन्य देश इस तरह के भड़काऊ बयान दे रहे हैं और अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश कर रहे हैं, इस्लामिक अमीरात इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता है।
इसमें कहा गया है, अमेरिकी अधिकारियों की इस तरह की टिप्पणी पिछले असफल प्रयोगों की पुनरावृत्ति है और इस तरह की स्थिति अमेरिका के लिए हानिकारक है। हम आग्रह करते हैं कि राजनयिक बातचीत के माध्यम से इन गलत नीतियों को तुरंत उलट दिया जाए।
--आईएएनएस
एसजीके/एएनएम
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