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पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अग्निपथ योजना का विरोध अभी ठंडा नहीं पड़ा है. 29 जून को एनएसयूआई बीएचयू यूनिट ने लंका गेट पर हस्ताक्षर अभियान चलाया. इस योजना के खिलाफ छात्रों और युवाओं का समर्थन भी उन्हें खूब मिला. हस्ताक्षर अभियान के दौरान लंका पुलिस से छात्रों की धक्का मुक्की हुई. इससे छात्र अक्रोशित हो गए. हालांकि मौके पर पहुंचे इंस्पेक्टर लंका वेद प्रकाश राय ने छात्रों को समझा बुझा कर शांत कराया.
अग्निपथ योजना को सेना में भ्रष्टाचार लाने वाला और भारतीय सैन्य व्यवस्था को कमजोर करने वाला बताते हुए बीएचयू की एनएसयूआई इकाई ने लंका गेट पर हस्ताक्षर अभियान चलाकर अपना विरोध दर्ज कराया.
एनएसयूआई के प्रदेश के अध्यक्ष अखिलेश ने बताया कि सेना में नियमित भर्तियों को बंद करके सरकार छात्रों के साथ छल कर रही है. नियमित भर्तियों को बहाल करके अग्निपथ योजना को वापस लिया जाना चाहिए.
एनएसयूआई बीएचयू के अध्यक्ष राणा रोहित ने बताया कि सरकार हर तरफ से युवाओं को प्रताड़ित करना चाहती हैं, एक तरफ तीनों सेना के भीतर ही दो लाख साठ हजार, सीएपीएफ में एक लाख, रेलवे में ढाई लाख से अधिक वेकेंसी रिक्त पड़ी हैं, कुल वेकेंसी को मिलाकर 68 लाख से अधिक पद खाली, सरकार उसको भरने की बजाय अग्निविर जैसे योजना लाकर सेना के भीतर ही गुणवक्ता के साथ खिलवाड़ कर रही हैं.
एनएसयूआई जिलाध्यक्ष ऋषभ पाण्डेय, वंदना उपाध्याय, जय प्रकाश, संजीत, नीतीश, दिलराज, उमेश यादव, श्यामबाबू मौर्या, संदीप पाल, रविकांत शर्मा, मानिक यादव ने हस्ताक्षर अभियान में विरोध दर्ज कराया.
(इनपुट-चंदन पांडेय)
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