Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019हवाई सफर भी हो सकता है महंगा, किराया बढ़ाने की तैयारी में एयरलाइंस

हवाई सफर भी हो सकता है महंगा, किराया बढ़ाने की तैयारी में एयरलाइंस

एयरलाइनों ने सरकरार से मूल्य निर्धारण सीमा को हटाने की मांग दोहराई थी जिसके बाद कंपनियों और सरकार की बात शुरू हो गई

क्विंट हिंदी
न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>हवाई सफर हो सकता है महंगा, किराया सीमा हटाने के लिए सरकार-एयरलाइंस में बात शुरू</p></div>
i

हवाई सफर हो सकता है महंगा, किराया सीमा हटाने के लिए सरकार-एयरलाइंस में बात शुरू

(फोटो: विकी कॉमन्स)

advertisement

अगर आप हवाई यात्रा (Air Lines Fares) करना चाहते हैं तो आने वाले समय में आपको इसके लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है. एक तरफ पहले ही 1 अप्रैल से ATF के दाम बढ़ने से किराए में बढ़ोतरी निश्चित मानी जा रही है, तो अब यात्री किराए सीमा को हटाने को लेकर भी सरकार ने एयरलाइंस से बातचीत शुरू कर दी है. इस दोहरे झटके से यात्रियों को ही अपनी जेब ढ़ीली करनी पड़ सकती है.

कुछ एयरलाइनों ने सरकरार से मूल्य निर्धारण सीमा को हटाने की मांग दोहराई थी जिसके बाद कंपनियों और एयरलाइंस के बीच बातचीत शुरू हो गई है. इसके लिए तर्क दिया गया है कि यात्रियों के किराए में लगी सीमा हवाई यात्रा के सुधार में बाधक बन रही है.

बिजनस स्टैंडर्ड ने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा है कि अगले हफ्ते सरकार और एयरलाइन के सीईओ के बीच बैठक होगी. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'इस मामले में अंतिम फैसला नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया करेंगे.

एयरलाइंस मांगों को लेकर नहीं हैं एकजुट

घटनाक्रम से वाकिफ लोगों ने कहा कि उद्योग अपनी मांग को लेकर एकमत नहीं है. समझा जाता है कि मार्केट लीडर इंडिगो और विस्तारा किराया कैप और फ्लोर को हटाने पर जोर दे रहे हैं, लेकिन स्पाइसजेट और गो फर्स्ट ने टिकट की कीमतों में लगातार सरकारी हस्तक्षेप की मांग की है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

भारत सरकार ने 1994 में विमानन उद्योग को अपने नियंत्रण से मुक्त कर दिया था, जिससे बाजार को हवाई किराए का निर्धारण करने की छूट मिल गई थी. लेकिन लॉकडाउन के बाद हवाई परिवहन फिर से शुरू हुआ तो नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने विमान अधिनियम, 1934 के एक खंड का उपयोग करते हुए क्षमता और किराया तय करने की शक्ति अपने हाथ में ली थी.

कोविड के बाद यात्रियों की संख्या घटी

हालांकि मंत्रालय ने पिछले साल अक्टूबर में घरेलू क्षमता पर से प्रतिबंध हटा लिया था, लेकिन यात्रा की तारीख से 15 दिनों के भीतर टिकट की कीमतों पर नियंत्रण जारी रखा. सरकार ने कहा कि स्पाइसजेट और गो फर्स्ट जैसी कमजोर वित्तीय स्थिति वाली एयरलाइनों के दिवालियेपन को रोकने के लिए मूल्य और क्षमता कैप लाए गए हैं. एक एयरलाइन के एक कार्यकारी ने कहा,

“हवाई यातायात बढ़ रहा है क्योंकि कोविड के खिलाफ लगाए गए लगभग सभी प्रतिबंधों को हटा दिया गया है. कम पाबंदियों के साथ लोग ज्यादा यात्रा कर रहे हैं. लेकिन एक दिन में यात्रियों की संख्या 300,000-350,000 के दायरे में अटकी हुई है. यह मुख्य रूप से इसलिए है क्योंकि 15 दिनों से अधिक के किराए की सीमा एयरलाइंस की क्षमता को प्रभावित कर रही है. कोविड से पहले, एयरलाइंस प्रति दिन लगभग 400,000 यात्रियों को ले जा रही थी, जबकि एयरलाइनों को जेट ईंधन की कीमतों में वृद्धि के कारण टिकट की कीमतें बढ़ाने के लिए मजबूर किया गया है."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT