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साल 2014 के आम चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद सपा अब नया कलेवर अपनाने में जुट गई है.
बदलाव की बयार पार्टी अपने संविधान में संशोधन के साथ ला रही है. पार्टी ने युवा नेताओं के लिए ड्रेस कोड भी लागू कर दिया है. इसके अलावा सपा को बनाने वाले मुलायम सिंह यादव की फोटो तक अब होर्डिंग से गायब होने लगी है.
खास बात यह है कि पार्टी में पहले तीन साल की सदस्यता होती थी. लेकिन, अब पार्टी के संविधान में संशोधन कर इसे पांच साल के लिए कर दिया गया है. इसके पीछे तर्क ये है कि पार्टी इन्हीं सदस्यों के सहारे 2019 और 2022 के चुनाव लड़ना चाहती है. इस काम में वो बार-बार समय बर्बाद नहीं करना चाहती.
इसके अलावा पार्टी ने सभी सदस्यों को खादी और हैंडलूम के ही कपड़े पहनने की हिदायत दी गई है. युवा संगठन के कार्यकर्ताओं को सफेद शर्ट पैंट पहनने के लिए कहा गया है. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने खुद ही ये ड्रेस कोड का तय करते हुए कार्यकर्ताओं को इसे अपनाने की हिदायत दी है.
वैसे सपा में बदलाव तो बीते कई महीनों से चल रहा है. अब इसे और धार देने की कोशिश की जा रही है. सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को भी पार्टी ने अपनी होर्डिंग से हटा दिया है. इसकी एक नजीर शनिवार के सदस्यता अभियान के शुभारंभ पर दिखी. यहां पर लगी होर्डिंग में प्रखर समाजवादी राम मनोहर लाहिया, जनेश्वर मिश्र की फोटो थी पर मुलायम सिंह यादव की नहीं. कार्यक्रम में भी वह शामिल नहीं हुए. इससे पूर्व मुलायम के समर्थकों को पार्टी में किनारे कर दिया गया था.
बदलाव को लेकर सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने बयान दिया कि परिवर्तन तो कुदरत का नियम है. उन्होंने कहा कि पार्टी के संविधान में संशोधन कर सदस्यता को पांच साल के लिए कर दिया गया है. यही सदस्य सक्रिय सदस्य का चयन करेंगे. उन्होंने कहा कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव हमारे आदर्श हैं, उनका अपमान कहीं नहीं किया जा रहा है. रही बात खादी पहनने की तो वह शालीनता का परिचायक है.
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