Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कर्नाटक में हलाल मीट विवाद के बीच, PETA इंडिया का संदेश- शाकाहारी बनो

कर्नाटक में हलाल मीट विवाद के बीच, PETA इंडिया का संदेश- शाकाहारी बनो

कर्नाटक में हलाल मीट विवाद के बीच, पेटा इंडिया ने शाकाहारी बनने का दिया संदेश

IANS
न्यूज
Published:
<div class="paragraphs"><p>कर्नाटक में हलाल मीट विवाद के बीच, पेटा इंडिया ने शाकाहारी बनने का दिया संदेश</p></div>
i

कर्नाटक में हलाल मीट विवाद के बीच, पेटा इंडिया ने शाकाहारी बनने का दिया संदेश

ians

advertisement

कर्नाटक में हलाल और झटका मीट को लेकर चल रहे विवाद के बीच पशु अधिकार संगठन पेटा इंडिया ने इसके बजाय गो वेगन (शाकाहारी बनो) पर जोर दिया है।

राज्य में हलाल मांस का बहिष्कार करने के लिए कुछ दिनों से, पशु अधिकार संगठन पेटा इंडिया ने बेंगलुरु में कई जगहों पर होडिर्ंग लगाई हैं, जिनमें लोगों से शाकाहारी बनने का आग्रह किया गया है।

पेटा इंडिया की सीनियर कैंपेन को-ऑर्डिनेटर राधिका सूर्यवंशी कहती हैं, जो लोग किसी जानवर को मारने के लिए लड़ रहे हैं, वे इस बड़ी बात से चूक जाते हैं कि कोई भी जानवर मरना नहीं चाहता और शाकाहारी खाना आपके लिए दयालुतापूर्ण, सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक है।

उन्होंने कहा, पेटा इंडिया सभी को याद दिलाता है कि चाहे वह हलाल हो या झटका, मांस एक संवेदनशील जानवर का प्रतिनिधित्व करता है, जिसने एक दयनीय जीवन और एक अनावश्यक मृत्यु को सहन किया।

पेटा इंडिया का कहना है कि शाकाहारी भोजन से जानवरों को भारी पीड़ा होती है। संगठन का तर्क है कि मांस, अंडा और डेयरी उद्योगों में भारी संख्या में पशुओं को गंभीर कारावास में पाला जाता है। इसका कहना है कि जिंदा मुर्गो का गला काट दिया जाता है, गायों और भैंसों को उनके प्यारे बछड़ों से जबरन अलग कर दिया जाता है, सूअरों को दर्द निवारक दवाओं के बिना काट दिया जाता है और मछलियों को भी जिंदा काट दिया जाता है।

इसने तर्क देते हुए कहा, जबकि जो लोग शाकाहारी खाते हैं वे हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर के जोखिम को कम करते हैं और यह भविष्य की महामारियों को रोकने में मदद करता है, जिसमें सार्स, बर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू, इबोला और एचआईवी जैसी बीमारियां शामिल हैं। कोविड-19 और अन्य महामारियों का एक उदाहरण देते हुए पेटा इंडिया के एक बयान में कहा गया है, ये सभी बीमारियां भोजन के लिए जानवरों को मारने से उपजी हैं।

राज्य में बढ़ते ध्रुवीकरण के बीच, हिंदू संगठनों और भाजपा नेताओं ने हिंदुओं को हलाल मांस बेचने पर आपत्ति जताई है।

कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों में हिंदू धार्मिक मेलों और मंदिर परिसर में मुस्लिम दुकानों और स्टालों पर हिंदू संगठनों द्वारा किए गए प्रतिबंध के आह्रान के मद्देनजर यह घटनाक्रम सामने आया है।

हलाल मांस मुस्लिम धार्मिक संस्कारों के अनुसार तैयार किया गया मांस होता है और धार्मिक नेताओं का ऐसा कहना है कि सभी मुसलमानों को केवल हलाल मांस का सेवन करना चाहिए। मुस्लिम दुकानों में बेचे जाने वाले मांस और मुर्गे को भी हलाल रीति-रिवाजों के अनुसार तैयार करने के मद्देनजर दक्षिणपंथी संगठन हिंदुओं से ऐसी दुकानों का बहिष्कार करने का आह्वान कर रहे हैं। वे हिंदुओं को हलाल मांस की बिक्री को आर्थिक जिहाद के रूप में वर्णित कर रहे हैं।

--आईएएनएस

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT