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प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद देहरादून में मीडिया को जानकारी देते हुए शाह ने कहा कि केंद्र ने हाल ही में 250 करोड़ रुपये जारी किए हैं, क्योंकि उत्तराखंड प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त है।
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र पहले ही राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के तहत केंद्रीय हिस्से के रूप में 749.60 करोड़ रुपये की सहायता जारी कर चुका है।
शाह ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा समय पर दी गई चेतावनियों ने जानमाल के नुकसान को कम करने में मदद की, क्योंकि उसने 16 अक्टूबर को 24 घंटे पहले चेतावनी जारी की थी।
उन्होंने कहा, अग्रिम अलर्ट भेजा गया था, ताकि अनावश्यक आवाजाही से बचा जा सके। चार धाम के तीर्थयात्रियों को भी रोक दिया गया जहां वे बारिश शुरू होने से पहले थे, और इसके कारण चार धाम के किसी भी तीर्थयात्री के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। यात्रा अब फिर से शुरू हो गई है।
उन्होंने कहा कि बारिश शुरू होने से पहले एनडीआरएफ, सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, राज्य प्रतिक्रिया दल और दमकल विभाग को अलर्ट पर रखा गया था। उन्होंने कहा कि बारिश से पहले हेलीकॉप्टर भी उपलब्ध कराए गए थे।
शाह ने कहा कि तीन सड़कों को छोड़कर अधिकांश सड़कों पर यातायात बहाल हो गया है और जहां कहीं जरूरत हुई राहत सामग्री भी पहुंचनी शुरू हो गई है, जबकि नैनीताल, हल्द्वानी और अल्मोड़ा मार्ग खोल दिए गए हैं। साथ ही क्षतिग्रस्त रेल पटरियों की मरम्मत का काम भी शुरू कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है, लोगों को शुद्ध पेयजल मिलना शुरू हो गया है, जबकि स्वास्थ्य सुविधाएं बाधित नहीं हुई हैं।
3,500 से अधिक लोगों को बचाया गया है और 16,000 से अधिक लोगों को एहतियात के तौर पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अब तक किसी भी पर्यटक के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। एनडीआरएफ की सत्रह टीमें, एसडीआरएफ की 60 टीमें, पीएसी की 15 कंपनियां और अधिक 5,000 से अधिक पुलिस और दमकलकर्मी अभी भी पूरे अभियान में लगे हुए हैं।
गृहमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने बहुत ही सफल तरीके से बचाव अभियान चलाया और एक दो दिन में स्थिति सामान्य होने के बाद गृह मंत्रालय की सर्वे टीम यहां का दौरा करेगी और स्थिति का जायजा लेगी और सहायता भी प्रदान की जाएगी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अल्प सूचना पर केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई सहायता के लिए धन्यवाद दिया।
--आईएएनएस
एसजीके
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