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असम में एक मछली व्यापारी की कथित पुलिस हिरासत में मौत के विरोध में सैकड़ों लोगों की गुस्साई भीड़ ने शनिवार को एक पुलिस थाने में आग लगा दी।
मछली व्यापारी सफीकुल इस्लाम को पुलिस ने शुक्रवार की रात पकड़ लिया था। हालांकि, पुलिस ने दावा किया है कि वह नशे की हालत में सड़क पर पाया गया था और स्थानीय लोगों द्वारा सूचित किए जाने पर उसे असम के नागांव जिले के बटाद्रवा पुलिस स्टेशन लाया गया।
शनिवार को पुरुषों और महिलाओं की गुस्साई भीड़ ने थाने में आग लगाने से पहले तोड़फोड़ की। भीड़ ने पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट भी की। दो पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं।
आग में थाने के कई दस्तावेज जलकर राख हो गए और कुछ राइफलें भी क्षतिग्रस्त हो गईं।
पुलिस ने हमले में कथित संलिप्तता के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
इस्लाम की पत्नी ने कहा कि उसके पति को पुलिस ने नागांव जिले के सालनाबाड़ी इलाके से उठाया था।
उसने दावा किया कि पुलिस ने इस्लाम से एक बत्तख के अलावा 10,000 रुपये भी मांगे।
महिला ने दावा किया, हमने एक बतख दी, लेकिन असंतुष्ट पुलिसकर्मियों ने मेरे पति को बुरी तरह पीटा और उसे मार डाला। पुलिस ने आरोप को सिरे से नकार दिया।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, हमने तुरंत उसके परिवार के सदस्यों को सूचित किया और वे पुलिस स्टेशन पहुंचे। आज (शनिवार) उसे बीमार पाया गया और उसे स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन वहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
नगांव जिले की पुलिस अधीक्षक लीना डोले ने कहा कि जांच जारी है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
--आईएएनएस
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