Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019आजमगढ़: कथित ISIS कार्यकर्ता गिरफ्तार, आरएसएस नेता थे निशाने पर

आजमगढ़: कथित ISIS कार्यकर्ता गिरफ्तार, आरएसएस नेता थे निशाने पर

आरएसएस कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने की आतंकी साजिश नाकाम, आजमगढ़ से 1 गिरफ्तार

IANS
न्यूज
Published:
i
null
null

advertisement

लखनऊ, 10 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले से एक कथित आईएसआईएस कार्यकर्ता की गिरफ्तारी के बाद उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने की कथित आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया है।

एटीएस अधिकारियों ने बताया कि आतंकी सबाउद्दीन आजमी के पास से एक अवैध हथियार और बम बनाने का कच्चा माल बरामद किया गया है।

आरोपी पर आईपीसी की धारा 121-ए (देश के खिलाफ युद्ध छेड़ना), 122 (देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से हथियार इकट्ठा करना), 123 (देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए एक डिजाइन के अस्तित्व को छुपाना) और धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

उत्तर प्रदेश एटीएस के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) नवीन अरोड़ा ने कहा कि गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13 और 18 और अवैध आग्नेयास्त्र रखने के लिए 3/25 शस्त्र अधिनियम के तहत धाराएं लगाई गई हैं।

एटीएस अधिकारियों ने दावा किया कि सबाउद्दीन आजमी आईएसआईएस के दो भर्तीकर्ता - अबू उमर और अबू बकर अल-शमी से फोन और इंस्टेंट मैसेजिंग एप्लिकेशन के माध्यम से संपर्क में था।

उन्होंने कहा कि आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से आईएसआईएस की विचारधारा का प्रचार कर रहा था और उसने मुस्लिम युवकों का ब्रेनवॉश करने और उन्हें अपने आतंकी अभियानों में शामिल करने के लिए एक टेलीग्राम चैनल अल-सकर मीडिया भी बनाया।

आरोपी ने आरएसएस के स्वयंसेवकों को निशाना बनाने के लिए आरएसएस के नाम का इस्तेमाल करते हुए एक फर्जी ई-मेल आईडी और फेसबुक अकाउंट भी बनाया।

एडीजी ने कहा कि आईएसआईएस विचारधारा के प्रचार के लिए आजमगढ़ के अमिलो गांव में एक व्यक्ति के माध्यम से एक खुफिया जानकारी विकसित करने के दौरान आरोपी का पता लगाया गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

उन्होंने कहा कि सबाउद्दीन आजमी को गिरफ्तार कर लिया गया और मंगलवार शाम को पूछताछ के लिए लखनऊ में एटीएस मुख्यालय लाया गया, जिसके दौरान उन्होंने खुलासा किया कि वह पहले फेसबुक के माध्यम से एक बिलाल के संपर्क में आया था और उसे आईएसआईएस सदस्य मूसा उर्फ कनब कश्मीरी का संपर्क नंबर दिया था।

एडीजी ने कहा कि आरोपी बाद में आईएसआईएस के दो भर्तीकर्ताओं - अबू बकर अल-शमी (वर्तमान में सीरिया में) और अबू उमर (अफ्रीका के इस्लामिक देश मॉरिटानिया में स्थित) के संपर्क में आया।

अरोड़ा ने कहा कि आईएसआईएस के भर्तीकर्ताओं द्वारा आरोपियों का ब्रेनवॉश किया गया था, जो बदले में कश्मीर और देश के अन्य हिस्सों में मुसलमानों के साथ अन्याय का बदला लेने के लिए उनकी लड़ाई का हिस्सा बनने के लिए अन्य युवाओं का ब्रेनवॉश करने के लिए उनका इस्तेमाल कर रहे थे।

एडीजी ने कहा कि आरोपी का इरादा आईएसआईएस जैसा संगठन बनाना और भारत में इस्लामी शासन स्थापित करना था।

अरोड़ा ने कहा कि अबू बकर अल-शमी ने आरोपी को भारत में आईएसआईएस जैसा संगठन तैयार करने का आइडिया दिया और ऑनलाइन वीडियो के जरिए आईईडी और बम तैयार करना सीखने में भी मदद की।

--आईएएनएस

एसजीके

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT