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ग्वालियर, 24 जून (आईएएनएस)| भारतीय वायुसेना के प्रमुख बी.एस. धनोआ ने सोमवार को यहां कहा है कि बालाकोट एयर स्ट्राइक में भारतीय वायुसेना ने अपने सैन्य लक्ष्य हासिल किए थे। करगिल युद्ध के 20 साल पूरे होने पर ग्वालियर एयरबेस पर आयोजित कार्यक्रम के बाद सोमवार को वायुसेना प्रमुख ने संवाददाताओं से कहा, "बालाकोट में एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान हमारे हवाई क्षेत्र में नहीं आया था। हमारा उद्देश्य पाकिस्तान स्थित आतंकी शिविरों पर हमला करना था और पाकिस्तान का लक्ष्य हमारी सेना के ठिकानों को निशाना बनाना था। हमने अपना सैन्य उद्देश्य हासिल कर लिया। पाकिस्तान अपना सैन्य उद्देश्य पूरा नहीं कर पाया, उसकी ओर से किसी विमान ने नियंत्रण रेखा को पार नहीं किया था।"
बालाकोट में एयर स्ट्राइक को लेकर खड़े किए गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "कितने आए, कहां गए, कैसे आए और किस तरह का कॉम्बैट हुआ, हमने अपना मिल्रिटी ऑब्जेक्टिव एचीव किया। उन्होंने अपना ऑब्जेक्टिव एचीव नहीं किया। पर उनमें से कोई हमारे एयर स्पेस में नहीं आया।"
उन्होंने आगे कहा, "बालाकोट के बाद पाकिस्तान के विमान पीछे आए, लेकिन उनकी भारत के किसी भी एयरपोर्ट पर हमला करने और यहां तक कि एलओसी पार करने तक की हिम्मत नहीं थी।"
पुलवामा में भारतीय अर्धसैनिक बलों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर आतंकवादियों के शिविर को निशाना बनाया था।
पाकिस्तान के खिलाफ 20 साल पहले कारगिल युद्ध में मिली जीत की वर्षगांठ पर सोमवार को भारतीय वायुसेना ने जश्न मनाया। वायुसेना ने ग्वालियर एयर फोर्स स्टेशन में एक बार फिर से 24 जून, 1999 को टाइगर हिल पर पाकिस्तानी घुसपैठियों पर हुए अटैक के नजारे का रिक्रिएशन किया। कारगिल की 5,062 मीटर की ऊंचाई पर स्थित टाइगर हिल पर स्थित पाकिस्तानी सेना को भारतीय वायुसेना ने ढेर कर दिया था और चार-पांच जुलाई, 1999 को टाइगर हिल पर भारत ने कब्जा जमाया था।
वायुसेना प्रमुख ने कहा, "कारगिल युद्ध के समय वायुसेना के मिराज जैसे विमानों ने लेजर गाइडेड बमों से पाकिस्तान की सेना को कारगिल की ऊंची चोटी टाइगर हिल पर भी नाकों चने चबवा दिए थे। बीस साल के दौरान वायुसेना ने मिराज को और अपग्रेड कर उसकी ताकत को बढ़ाया है। आदेश मिलते ही वायुसेना किसी प्रकार के हमले का मुंहतोड़ जबाब देने को तैयार है।"
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