Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए डॉक्टर- मरीज के बीच समझदारी जरूरी : अनिल बैजल

बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए डॉक्टर- मरीज के बीच समझदारी जरूरी : अनिल बैजल

बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए डॉक्टर- मरीज के बीच समझदारी जरूरी : अनिल बैजल

IANS
न्यूज
Published:
बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए डॉक्टर- मरीज के बीच समझदारी जरूरी : अनिल बैजल
i
बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए डॉक्टर- मरीज के बीच समझदारी जरूरी : अनिल बैजल
null

advertisement

नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)| दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने शनिवार को कहा कि बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए डॉक्टर- मरीज के बीच समझदारी जरूरी है।

उन्होंने कहा कि चिकित्सा आज भी एक आदर्श पेशा है, लेकिन डॉक्टरों के प्रति विश्वास को बहाल करने की जरूरत है। मरीजों और डाक्टरों के बीच के संबंधों में सहमति मुख्य भूमिका निभाती है और आज के समय में इस रिष्ते को बहुत ही नाजुक तरीके से संभालने की जरूरत है। चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा पर तत्काल रोक लगाने और इस पर केंद्रीय कानून बनाए जाने की मांग करते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रीयव्यापी संगोष्ठी का आयोजन किया।

अनिल बैजल ने संगोष्ठी का उद्धघाटन करने के बाद चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कहा, मानवता की सेवा करने के मामले में चिकित्सा का पेशा शीर्ष पर है, लेकिन बदलते समय के साथ डॉक्टर और रोगी के संबंधों में काफी बदलाव हो रहे हैं। चिकित्सकों एवं मरीजों के बीच बेहतर समझदारी तथा मरीजों से यथार्थवादी अपेक्षाएं होने पर ही मरीजों के प्रति डाक्टरों की सहानुभूति बढ़ेगी और साथ ही साथ डॉक्टर और रोगी के संबंधों में सुधार होगा। चिकित्सकों एवं मरीजों के बीच बिगड़ते संबंधों के लिए युवा पीढ़ी में क्रोध और गुस्सा के साथ आक्रामकता व अधीरता पूरी तरह जिम्मेदार है।

बैजल ने कहा, आज जरूरत इस बात की है कि नैतिकता के मजबूत आचार संहिता का अनुपालन सख्ती से हो और इससे ही न्याय को सुनिश्चित किया जा सकेगा।

उपराज्यपाल ने कहा, यह बताने की जरूरत है कि समाज में हिंसा की कोई जगह नहीं है और रोगियों और उनके परिवारों द्वारा चिकित्सकों को किसी प्रकार की धमकी दिए जाने को किसी भी रूप से सही नहीं ठहराया जा सकता है।

आईएमए ने चिकित्सक समुदाय के खिलाफ किसी तरह की हिंसा के लिए 'शून्य सहनशीलता' का संकल्प लिया है और डॉक्टरों, नर्सो और अस्पताल कर्मचारियों पर होने वाले अकारण और शर्मनाक अमानवीय हमलों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।

आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रवि वानखेडकर ने कहा, भारत में चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मी हिंसा के कारण सबसे ज्यादा पीड़ित हैं। नि:संदेह कार्यस्थल पर तनाव के कारण चिकित्सा की गुणवत्ता और अस्पताल के भीतर मरीजों की भर्ती की स्थिति को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। डॉक्टर अपने कार्यस्थल में भयभीत वातावरण में रह रहे हैं।

उन्होंने कहा कि चिकित्सा समुदाय के खिलाफ हिंसा के मूल कारण जटिल हैं और जरूरत इस बात की है कि सभी संबंधित पक्ष इसका समाधान मिलकर करें और इसमें सरकार को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। हालांकि हमारा चिकित्सा समुदाय मरीजों को चिकित्सा प्रदान करने की जिम्मेदारी का वहन कर रहा है लेकिन सरकार को चिकित्सा सेवा करने वालों की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी लेनी होगी।

आईएमए के महासचिव डॉ. आर. एन. टंडन ने कहा, आईएमए ने नैतिक तौर-तरीकों, रोगियों और रिश्तेदारों के साथ स्वस्थ संवाद और आरोपों में पारदर्शिता, अस्पताल परिसर में सलाहकार आदि जैसे नैतिक व्यवहारों की वकालत की है। रोगी सहायता समूह, शिकायत निवारण तंत्र, रोगियों के अधिकार और जिम्मेदारियों को लागू किया जा रहा है। लेकिन किसी भी कीमत पर चिकित्सक समुदाय के खिलाफ हिंसा सभ्य समाज में स्वीकार नहीं की जा सकती है। आईएमए हिंसा का मुकाबला करने के लिए अपने समुदाय की ओर से 'प्रतिक्रिया, जवाब, नियमन और पहुंच' की नीति की वकालत करता है।

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT