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दिल्ली भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ को यहां बोर्ड के मुख्यालय में ‘बंधक’ बना लिया और बेमियादी धरना शुरू कर दिया। पार्टी ने शहर में पानी और बिजली आपूर्ति को लेकर अरविंद केजरीवाल नीत सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं।
जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया ने भाजपा पर मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हमारी आपूर्ति कम नहीं हुई है लेकिन अत्यंत गर्मी के कारण मांग बढ़ गई है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल की अगुवाई में भाजपा का प्रतिनिधिमंडल जल बोर्ड के सीईओ निखिल कुमार से मिलने गया। कुमार ने छह जून शाम पांच बजे ही पदभार ग्रहण किया है।
इसके बाद जल बोर्ड का मुख्यालय प्रदर्शन स्थल में तब्दील हो गया और प्रतिनिधिमंडल के सदस्य केजरीवाल सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे तथा आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री केजरीवाल की अध्यक्षता वाले बोर्ड के पास राष्ट्रीय राजधानी को जल संकट से उबारने की कोई योजना नहीं है।
पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष गोयल ने पीटीआई-भाषा से कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने जल बोर्ड के सीईओ को बंधक बना लिया और वह तब तक उन्हें जाने नहीं देंगे जबतक कुमार विशेष शिविर आयोजित करने तथा शिकायत निवारण प्रणाली को सार्वजनिक करने के लिए विज्ञापन देने का वादा नहीं करते हैं।
इससे पहले, दिन में नई दिल्ली से भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में ‘‘पानी की कमी’’ के खिलाफ दिल्ली जल बोर्ड के आर. के. पुरम स्थित कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया, जबकि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने शहर में बिजली कटौती तथा गंभीर जल संकट को लेकर केजरीवाल को पत्र लिखा।
वहीं, केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि दिल्लीवासियों को देश में सबसे सस्ती दर पर 24 घंटे बिजली मिल रही है।
जलबोर्ड के उपाध्यक्ष मोहनिया ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि केवल दिल्ली ही इन समस्याओं से जूझ रही है। पूरा देश भीषण गर्मी और पानी की कमी का सामना कर रहा है। हम अपनी क्षमता से अधिक जल की आपूर्ति कर रहे हैं। हमारी आपूर्ति कम नहीं हुई है लेकिन अत्यंत गर्मी के कारण मांग बढ़ गई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘देश में सभी नदियों, झीलों और तालाबों का जल सूख रहा है। ऐसी स्थिति में लोगों की मदद करने के बजाए भाजपा मामले का राजनीतिकरण कर रही है।’’
(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)
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