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नई दिल्ली, 1 जनवरी (आईएएनएस)| जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का पद संभालने के बाद कहा कि भारतीय सेना संयुक्त थिएटर कमान की पश्चिमी पद्धति नहीं अपनाएगी और अपने तंत्र पर काम करेगी। जनरल रावत ने कहा कि वे तीन सालों में तीनों सेनाओं का एकीकरण करने का प्रयास करेंगे।
नई यूनीफॉर्म में आए जनरल रावत को पद संभालने से पहले तीनों सेनाओं का गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
अपनी प्राथमिकताओं के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "जहां तक मुझे पता है कि सीडीएस की जिम्मेदारी तीनों सेनाओं में तालमेल बैठाना है। सक्षम होने के लिए तीनों सेनाओं को साथ मिलकर काम करना होगा।"
जनरल रावत ने जोर देकर कहा कि भारतीय नौसेना, वायुसेना और थलसेना एक टीम के तौर पर काम करेंगी।
उन्होंने कहा, "सीडीएस नियंत्रण रखेगा, इसका मतलब ऐसा नहीं है कि सीडीएस किसी बल को अपने दम पर चलाना चाहता है। तीनों सेनाएं उस फॉर्मूले पर काम नहीं कर सकतीं, जिसमें उनका जोड़ तीन हो। तीनों सेनाओं को जोड़कर पांच या सात करना है।"
उन्होंने कहा कि सीडीएस को तालमेल और एकीकरण से बहुत कुछ हासिल करना होगा।
उन्होंने कहा, "हमें अपने संसाधनों का सर्वश्रेष्ठ तरीके से किफायती उपयोग करना होगा, हम समायोजन पर फोकस करेंगे। हम संयुक्त प्रशिक्षण कर सकते हैं। खरीद प्रक्रिया को एक किया जा सकता है। हमें यह देखना होगा कि हम तीनों बलों का एकीकरण कैसे कर सकते हैं।"
सीडीएस को तीन नए संयुक्त संगठनों की जिम्मेदारी दिए जाने के बारे में जनरल रावत ने कहा, "मैंने जब चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीओएससी) का अध्यक्ष पद संभाला तब ये संगठन पहले से ही सीओएससी के अंतर्गत थे। हम तीन संयुक्त संगठनों पर काम कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि सीडीएस स्ट्रेटेजिक फोर्स कमांड का हिस्सा है जो परमाणु हथियारों की जिम्मेदारी संभालेगा।
देश के पहले सीडीएस के रूप में चुने जाने पर जनरल रावत ने कहा, "मेरा सिर बहुत हल्का है। मैंने अपनी तिरछी गोरखा टोपी हटा दी है, जो मैं 42 सालों से पहने हुए था। मैं एक नुकीली टोपी पहन रहा हूं, जो बताती है कि सीडीएस तीनों सेनाओं के लिए समान हैं और मेरा सिर हल्का लग रहा है।"
भारतीय सैन्य बलों को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन से मिलने वाली चुनौतियों पर उन्होंने कहा कि सभी चुनौतियों से विस्तृत समावेशन और तालमेल से निपटा जाएगा।
जनरल रावत ने जोर देकर कहा कि संयुक्त थिएटर कमान के लिए प्रयास उनकी प्राथमिकता होगी।
जनरल रावत ने कहा, "थिएटरीकरण के तरीके अलग हो सकते हैं। हमें पश्चिमी मॉडल का अनुसरण करने की जरूरत नहीं है, हमारे पास अपना मॉडल हो सकता है। हमें तीनों सेनाओं के साथ अध्ययन करना होगा। हमारा अपना तंत्र होगा जो हमारे लिए अनुकूल होगा।"
राजनीतिक दलों द्वारा राजनीति में उनके झुकाव पर सवाल उठाने के संबंध में पूछने पर उन्होंने कहा, "हम राजनीति से बहुत दूर हैं। हम मौजूदा सरकार के निर्देशों पर काम करते हैं।"
कांग्रेस ने मंगलवार को जनरल रावत के सीडीएस के रूप में नियुक्त किए जाने पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि सरकार ने मुद्दे पर गलत रुख ले लिया है।
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