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भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद बुधवार को उच्चतम न्यायालय पहुंचे और उस याचिका पर हस्तक्षेप आवेदन दायर किया जिसमें शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने का निवेदन किया गया है। उन्होंने दावा किया कि याचिका ‘‘कपटपूर्ण’’ है और प्रशासन ने दिल्ली, नोएडा तथा फरीदाबाद को जोड़ने वाली सड़कों को ‘‘जानबूझकर अवरुद्ध’’ किया है।
आजाद ने अपने आवेदन में दावा किया कि शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित याचिका ‘‘केंद्र की मिलीभगत से’’ दायर की गई है जिसके हाथों में दिल्ली पुलिस का नियंत्रण है और लोगों के मानवाधिकारों पर इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।
शीर्ष अदालत ने 10 फरवरी को कहा था कि शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोग सार्वजनिक मार्ग को अवरुद्ध नहीं कर सकते और दूसरे लोगों को असुविधा नहीं पहुंचा सकते।
आजाद ने दो अन्य लोगों के साथ याचिका दायर कर आरोप लगाया कि प्रशासन ने दिल्ली, नोएडा और फरीदाबाद के लोगों के लिए जानबूझकर यातायात जाम समस्या तथा असुविधा उत्पन्न करने के लिए शाहीन बाग प्रदर्शन के बहाने वैकल्पिक मार्गों को बंद कर दिया है।
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