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भोपाल गैंगरेप की गूंज पूरे देश में लोगों को झकझोर चुकी है. घटना के बाद अब पहली बार पीड़ित लड़की सामने आई है.
मीडिया से बात करते हुए लड़की ने कहा कि 'ऐसे लोगों (आरोपियों) को जिंदा नहीं छोड़ना चाहिए. उन्हें बीच चौराहे पर फांसी दे देनी चाहिए.' पीड़ित ने पुलिस द्वारा की गई लापरवाही पर भी निराशा जताई.
पीड़ित भोपाल के नजदीक एक शहर से UPSC की कोचिंग करने भोपाल आती है. 2 नवंबर को वो एमपी नगर स्थित कोचिंग से शाम 7 बजे ट्रेन पकड़ने जा रही थी. ट्रेन पकड़ने के लिए पीड़ित ने एक छोटे रास्ते का इस्तेमाल किया जो मेन रोड से बहुत ज्यादा दूर नहीं है.
इस बीच एक आरोपी ने लड़की से छेड़छाड़ शुरू कर दी. पीड़ित ने इसका विरोध किया, जिसके बाद दो आरोपी लड़की से मारपीट करते हुए उसे एक पुल के नीचे ले गए. यहां दोनों ने उससे गैंगरेप किया. बाद में उनके दो और साथी गंदे काम में शामिल हो गए.
घटना के बाद लड़की किसी तरह जीआरपी चौकी पहुंची और अपने पेरेंट्स को घटना के बारे में बताया.
शनिवार को सरकार ने मामले में तीन थाना प्रभारी और दो सब-इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया है. वहीं एक सिटी एसपी को लाइन अटैच किया गया है. वहीं सिटी SP कुलवंत सिंह को लाइन अटैच किया गया है.
मामले में पुलिस की लापरवाही की भूमिका की जांच का जिम्मा डीआईजी सुधीर लाड़ को दिया गया था. उन्हीं की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई.
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