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Bhopal-Ujjain passenger Train Blast Case: भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन विस्फोट मामले में एनआईए (NIA) की विशेष अदालत ने आठ में से सात आरोपियों को मौत की सजा सुनाई है. इससे पहले, लखनऊ की अदालत ने ट्रेन ब्लास्ट मामले में सभी आठों आरोपियों को दोषी करार दिया है.
मोहम्मद फैसल, गौस मोहम्मद, अजहर, आतिफ मुजफ्फर, दानिश, मीर हुसैन और आसिफ इकबाल- को मौत की सजा दी गई थी, जबकि आतिफ इराकी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. मालूम हो कि इस मामले में कुल 9 आतंकियों को दोषी ठहराया गया था. इनमें से एक आतंकी सैफुल्ला के एनकाउंटर में मारा गया था.
बता दें कि 7 मार्च 2017 को आरोपियों ने भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में बम लगा दिया था, जिसमें दस लोग घायल हो गए थे.
घटना के करीब 20 दिन बाद, जांच एजेंसी ने उन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जिन्होंने खुलासा किया कि उनका टारगेट लखनऊ-भोपाल पुष्पक एक्सप्रेस था. इंडियन एक्सप्रेस की एक पूर्व रिपोर्ट के मुताबिक, सभी आतंकवादियों ने घटना की पिछली रात 6 मार्च को भोपाल जाने वाली ट्रेन में यात्रा की थी.
गिरफ्तार किए गए लोगों में से दो, आतिफ मुजफ्फर और सैयद मीर हुसैन ने एनआईए को बताया था कि उन्होंने पुष्पक एक्सप्रेस में विस्फोटक से भरे बैग के साथ यात्रा की थी, लेकिन भारी भीड़ और 'सतर्क यात्रियों' के कारण वो बम प्लांट नहीं कर पाए थे.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ट्रेन में बम लगाने में नाकाम रहने के बाद वे 7 मार्च की सुबह भोपाल रेलवे स्टेशन पर उतर गए. तीसरे गिरफ्तार आतिफ और मोहम्मद दानिश ने आखिरी समय में उज्जैन के लिए रवाना होने वाली यात्री ट्रेन में विस्फोटक रखने का फैसला किया था.
इंडियन एक्सप्रेस ने अपने सूत्रों के हवाले से बताया, “पुष्पक एक्सप्रेस में बम लगाने में विफल रहने के बाद, वे हताश हो गए. वे भोपाल-उज्जैन ट्रेन के आखिरी डिब्बे में चढ़ने में कामयाब रहे और विस्फोटकों से भरा बैग छोड़कर उतर गए," इस विस्फोट में 10 लोग घायल हो गए थे.
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