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नई दिल्ली, 16 जनवरी (आईएएनएस)| केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बच्चों के कथित उत्पीड़न के आरोप में बिहार के भागलपुर और गया जिला स्थित दो शेल्टर होम के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। यह जानकारी बुधवार को एक अधिकारी ने दी। अधिकारी ने बताया कि सीबीआई ने भागलपुर में रूपम प्रगति समाज समिति द्वारा संचालित बालक गृह और गया में हाउस ऑफ मदर चिल्ड्रन होम के खिलाफ पिछले साल बिहार पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामले के आधार पर केस दर्ज किए हैं।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एजेंसी को टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) की रिपोर्ट में शामिल 17 शेल्टर होम में बच्चों के उत्पीड़न की जांच के लिए निर्देश दिए जाने के करीब डेढ़ महीने बाद यह कार्रवाई की गई है।
अधिकारी ने बताया कि इन शेल्टर होम का संचालन करने वाले अधिकारी एजेंसी की जांच के घेरे में हैं।
गया के शेल्टर होम के खिलाफ दर्ज एफआईआर में सीबीआई ने टीआईएसएस की रिपोर्ट का जिक्र किया है, जिसमें कहा गया है कि हाउस मदर ऑफ चिल्ड्रन होम में बच्चों के लिए गंदी भाषा का इस्तेमाल किया जाता था और उनकी पिटाई की जाती थी और अभद्र संदेश लिखने व काम करने पर मजबूर किया जाता था।
भागलपुर के शेल्टर होम के संबंध में टीआईएसएस की रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके निदेशक व अन्य अधिकारी किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करके चिल्ड्रम होम का संचालन करते थे और उन्होंने वित्तीय अनियमितताएं भी बरतीं।
इससे पहले पिछले साल मुजफ्फरपुर शेल्टर होम का मामला उजागर होने पर पूरे देश का ध्यान इस ओर गया था। वह मामला भी टीआईएसएस की रिपोर्ट आने पर उजागर हुआ था, जिसमें एक एनजीओ द्वारा संचालित शेल्टर होम में लड़कियों का यौन-उत्पीड़न किए जाने की बात सामने आई। शेल्टर होम का संचालन ब्रजेश ठाकुर द्वारा किया जा रहा था।
मामले में ठाकुर समेत 11 लोगों के खिलाफ 31 मई को मामला दर्ज किया गया। बाद में मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई।
(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)
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