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पटना, 6 दिसंबर (आईएएनएस)| बिहार में प्याज के दाम 100 रुपये के पार चले जाने के बाद इसपर सियासत भी गर्म हो गई है। जन अधिकार पार्टी के प्रमुख और पूर्व सांसद पप्पू यादव जहां लोगों को सस्ते मूल्य पर प्याज के स्टॉल लगा कर प्याज पहुंचा रहे हैं, वहीं राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इसे 'नौटंकी' करार दे रही है। इसके अलावा भी अब प्याज को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है। बिहार की राजधानी पटना में प्याज की कीमत खुदरा बाजार में 100 रुपये से ऊपर पहुंच गई है। प्याज के दाम बढ़ने पर 'बिस्कोमान' ने पटना में 50 से अधिक काउंटर खोलकर 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज की बिक्री प्रारंभ कर दी, जिसके बाद भीड़ उमड़ने लगी। इसके बाद जिला प्रशासन ने विधि-व्यवस्था का हवाला देते हुए बिक्री बंद करवा दी।
बिस्कोमान के अध्यक्ष सुनील सिंह ने कहा कि अगर प्रशासन सुरक्षा दे तो वे फिर बाजार मूल्य से आधे मूल्य पर प्याज उपलब्ध करा सकते हैं।
इसके बाद पूर्व सांसद पप्पू यादव ने लोगों को सस्ते दर पर प्याज उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया।
पप्पू यादव का दावा है कि वे अब तक 40 कुंटल से अधिक प्याज बेच चुके हैं। पप्पू यादव पटना के भाजपा कार्यालय, लोजपा कार्यालय और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के आवास के सामने 30 रुपये किलोग्राम के भाव से प्याज बेच चुके हैं। उन्होंने कहा कि शादी-विवाह समारोह के लिए वह सस्ते दर पर प्याज उपलब्ध कराएंगे।
इधर, भाजपा पप्पू के इस कार्य को नौटंकी बता रही है। भाजपा के प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल ने कहा कि पप्पू यादव नौटंकी कर रहे हैं तथा मीडिया में बने रहने के लिए वे ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने अजीबोगरीब तर्क देते हुए कहा कि बिहार में प्याज का उत्पादन कम हुआ है, जिस कारण राज्य में प्याज की कीमत में वृद्धि हुई है।
हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने भी प्याज की कीमत के लिए सरकार को दोषी बताया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार प्याज के दाम में वृद्धि की आड़ में कुछ खास लोगों को आर्थिक मदद पहुंचा रही है। इस कारण आम जनता त्रस्त है। उन्होंने कहा कि सरकार ने गरीबों के मुंह से निवाला छीन लिया है। यदि प्याज की कीमतें ऐसी ही रहीं तो झारखंड के चुनाव में भाजपा को प्याज के आंसू रोने होंगे।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक विजय प्रकाश ने भी सवालिया लहजे में कहा कि इस समस्या के लिए सरकार दोषी है। उन्होंने कहा कि जब-जब भाजपा सरकार में आती है तब आखिर महंगाई क्यों बढ़ जाती है।
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